Bihar Loksabha Election: लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) कई मायनों में बेहद खास होने वाला है। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अपने गठबंधन साथी कांग्रेस (Congress) और CPIM के साथ बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर दो-दो हाथ कर रही है। लालू प्रसाद यादव ने लोकसभा चुनाव की कमान छोटे बेटे तेजस्वी यादव के हाथों मे दी हुई है, तो वहीं मिसा भारती के बाद लालू अब अपनी एक और बेटे रोहिणी आचार्य को राजनीति में डेब्यू करा रहे हैं। लालू ने रोहिणी को सारण लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। मीसा ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। इसके लिए सबसे पहले रोहिणी ने अपने माता-पिता लालू राबड़ी के साथ हरिहरनाथ मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की और जीत की प्रार्थना की।
रोहिणी आचार्य ने मंगलवार को अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करने के बाद कहा कि वह सारण को जल्द ही अपनी ‘कर्मभूमि’ बनाएंगी। आचार्य ने यहां मीडिया से कहा, “हमने कल बाबा हरिहा नाथ का आशीर्वाद लिया। अब मैं सारण में अपने मतदाताओं से मिलने जा रही हूं। आपको (मीडियाकर्मियों को) भी मुझे आशीर्वाद देना चाहिए।”
पत्रकारों से बात करते हुए आचार्य ने कहा, "मैं सारण के लोगों से मिल रहे अपार प्यार और आशीर्वाद से अभिभूत हूं। यहां के मतदाता जिस तरह से मुझसे मिल रहे हैं… उससे ऐसा लगता है जैसे कि एक बेटी अपने घर आई हो। मैं धन्य हूं…। यह (सारण) मेरे पिता की ‘कर्मभूमि’ रही है और अब यह मेरी कर्मभूमि होने जा रही है।”
सारण से ही पहली बार संसद पहुंचे लालू
रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) का जन्म 1 जून 1979 को पटना में हुआ था। अब वह 43 साल की हैं। लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक करियर में छपरा का बड़ा स्थान रहा है। लालू ने सबसे पहला लोकसभा चुनाव छपरा से ही लड़ा और जीतकर दिल्ली पहुंचे।
बाद के सालों में लालू ने छपरा से कई बार लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) जीता और केंद्र में मंत्री तक रहे। अब वह दूसरी पीढ़ी बेटी रोहिणी आचार्या को भी राजनीति में छपरा सीट से ही एंट्री करा रहे हैं, जो अब सारण के नाम से जाना जाता है।
रोहिणी ने लालू को किडनी देकर खड़ी की मिसाल
रोहिणी आचार्य का नाम देशभर में तब चर्चाओं में आया, जब लालू की किडनी खराब होने के बाद रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को अपना किडनी डोनेट की।
पिछले साल 11 नवंबर को 'X' पर रोहिणी ने पिता लालू प्रसाद यादव से साथ बचपन की एक तस्वीर साझा करते हुए रोहिणी ने लिखा- 'मां-पिता मेरे लिए भगवान हैं। मैं उनके लिए कुछ भी कर सकती हूं। आप सभी के शुभकामनाओं ने मुझे और मजबूत बनाया है। मैं आप सबके प्रति दिल से आभार प्रकट करती हूं। आप सब का विशेष प्यार और सम्मान मिल रहा है. मैं भावुक हो गई हूं। आप सबको दिल से आभार कहना चाहती हूं।"
इतना ही नहीं खुद BJP नेता गिरिराज सिंह ने भी रोहणी को बधाई देते हुए कहा था कि बेटी हो तो, ऐसी हमे आप पर गर्व है।
मेडिकल की पढ़ाई की अब राजनीति में आईं
रोहिणी आचार्य ने जमशेदपुर के महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से मेडिकल की पढ़ाई की है, जब रोहिणी आचार्य मेडिकल की पढ़ाई कर रही थीं, तभी उनकी शादी हो गई। उनके पति बिहार के ही दाउदनगर के रहने वाले हैं, जो सिंगापुर में नौकरी करते हैं।
साल 2002 में उनकी शादी समरेश सिंह से हो गई थी। समरेश सिंह पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उस दौरान वह अमेरिका में जॉब किया करते थे। शादी के बाद रोहिणी कई सालों तक सिंगापुर में ही रही हैं और वह चुनाव लड़ने के अब लिए बिहार लौट चुकी हैं।
रोहिणी आचार्य ने मेडिकल पढ़ाई के बाद कोई प्रेक्टिस नहीं की और अपने पति के साथ ही सिंगापुर में रहने लगीं। रोहिणी आचार्य की एक बेटी और दो बेटे हैं।
अब जब लोकसभा चुनाव का बिगुल फुंक चुका है, तो लालू प्रसाद यादव के इच्छा और लोगों की डिमांड पर रोहिणी आचार्य ने राजनीति में प्रवेश का सबसे बेहतर समय चुना है। सारण से लोकसभा चुनाव में हाथ आजमा रहे हैं।