BJP अपने दम पर नहीं बना पाएगी सरकार, देश में फिर शुरू हो सकता है गठबंधन सरकार का दौर

BJP 243 सीटों पर आगे चल रही है। वह सरकार बनाने के लिए 272 सीटों के जादुई आंकड़े से दूर दिख रही है। ऐसे में उस सरकार बनाने के लिए NDA के सहयोगी दलों पर निर्भर रहना होगा। 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मोदी जीत के आंकड़ों से दूर रह गए हैं

अपडेटेड Jun 04, 2024 पर 6:58 PM
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2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी BJP को बहुमत लायक सीटें दिलाने में नाकाम दिख रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई है। NDA 296 सीटों पर आगे चल रही है। लेकिन, बीजेपी सिर्फ 242 सीटों पर आगे हैं। देर रात तक वोटों की गिनती पूरी होने तक इस संख्या में थोड़ा बदलाव हो सकता है। यह संख्या 2-4 बढ़ सकती है या घट सकती है। लेकिन, यह तय हो गया है कि बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने नहीं जा रही है। 2009 के लोकसभा चुनावों के बाद फिर से देश में गठबंधन सरकार का दौर शुरू होता दिख रहा है। बीजेपी सरकार बनाने के लिए 272 सीटों के जादुई आंकड़े से काफी दूर है।

2001 में पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे मोदी

2001 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। इससे पहले उनकी भूमिका भाजपा संगठन में थी। लेकिन, मुख्यमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। गुजरात जैसे विकसित राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कई पहल की। प्रशासन और राजकाज के नए मानदंड स्थापित किए। 2002 में गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा की जबर्दस्त जीत हुई। फिर, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में BJP लगातार जीतती रही। पीए मोदी (PM Modi) ने एक तरफ जहां राजनीति के मैदान पर अपनी बादशाहत कायम की तो दूसरी तरफ बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने गुजरात की देश में अलग पहचान बना दी। इनवेस्टर्स समिट का आइडिया उन्होंने दिया था, जिसे बाद में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस्तेमाल किया।

2014 में मोदी ने राष्ट्रीय राजनीति में रखा कदम


2014 के लोकसभा चुनावों से पहले पीएम मोदी को गुजरात की सीमा से बाहर निकलने का बड़ा मौका दिखा। 2009 का लोकसभा चुनाव पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी ने लड़ा था। आडवाड़ी प्रधानमंत्री की कुर्सी से बहुत दूर रह गए थे। ऐसे में पीएम मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में खुद के लिए बड़ा मौका देखा। तब यूपीए की सरकार पर भ्रष्टाचार के लगातार आरोप लग रहे थे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कांग्रेस के इशारे फैसले लेने के आरोप लग लग रहे थे। मौदी ने अनुकूल मौका देख 2014 के लोकसभा चुनावों में देश को विकल्प देने की ठानी। BJP ने चुनावों से पहले प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में मोदी के नाम का ऐलान कर दिया।

2014 को BJP को लोकसभा में बहुमत दिलाया

यूपीए 2 की कथित नाकामियों पर मोदी ने जमकर निशाना साधा। 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने देशभर खासकर उत्तरी भारत के राज्यों में जमकर प्रचार किया। देश को मजबूत नेतृत्व देने, लाखों नौकरियों के मौके पैदा करने, इकोनॉमी की ग्रोथ तेज करने सहित कई वादे किए। मतदाताओं ने उनके वादे पर भरोसा किया। 2014 को चुनाव में भाजपा अपने दम पर 283 सीटें हासिल करने में कामयाब रही। लंबे समय बाद देश को स्थिर सरकार मिली। एक ऐसी सरकार मिली जो गठबंधन के सहयोगी दलों पर निर्भर नहीं थी। 2019 के चुनावों में पीएम मोदी ने धुआंधार प्रचार किया। तब भाजपा को 303 सीटें मिलीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी बार सरकार बनी। सरकार की निर्भरता सहयोगी दलों पर नहीं थी।

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2019 में BJP को 300 से ज्यादा सीटें दिलाईं

2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी BJP को बहुमत लायक सीटें दिलाने में नाकाम दिख रहे हैं। एनडीए के लिए 400 और BJP के लिए 370 सीटें हासिल करने का टारगेट तय करने वाले पीएम मोदी अपनी पार्टी को सरकार बनाने लायक सीट नहीं दिला पाए हैं। बीजेपी केंद्र में सरकार बनाने में सफल रहेगी। लेकिन, सरकार को सहयोगी दलों पर निर्भर रहना होगा। पार्टी के लिए बड़े फैसले लेना मुमिकन नहीं होगा। लंब समय बाद देश में गठबंधन सरकार का दौर लौटने जा रहा है।

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