Chhattisgarh Lok Sabha Polls 2024: छत्तीसगढ़ के रायपुर सीट पर BJP का है कब्जा, क्या इस बार खत्म होगा कांग्रेस का वनवास?

Chhattisgarh Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2019 में रायपुर लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सुनील कुमार सोनी विजयी उम्मीदवार रहे। उन्हें कुल 8,37,902 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के प्रमोद दुबे के पक्ष में 4,89,664 वोट पड़े। इसके साथ ही प्रमोद दुबे 3,48,238 वोटों से हार गए थे

अपडेटेड Apr 30, 2024 पर 11:14 AM
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Chhattisgarh Lok Sabha Elections 2024: तीसरे चरण में रायपुर लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है

Chhattisgarh Lok Sabha Elections 2024: छत्तीसगढ़ में पहले और दूसरे चरण की वोटिंग समाप्त हो चुकी है। अब तीसरे चरण में बची हुई 7 लोकसभा सीटों के लिए 7 मई को मतदान होगा। तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर लोकसभा सीट पर भी वोटिंग होना है। रायपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पार्टी के वरिष्ठ विधायक और राज्य सरकार में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस (Congress) ने बृजमोहन के खिलाफ विकास उपाध्याय को चुनावी मैदान पर उतारा है।

मतदान और रिजल्ट की तारीख

रायपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र चुनाव 2024 के लिए मतदान की तारीख 7 मई (चरण 3) है। रायपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र चुनाव 2024 के लिए मतगणना और रिजल्ट की घोषणा की तारीख 4 जून है।


प्रमुख उम्मीदवार

इलेक्शन शेड्यूल की अधिसूचना जारी होते ही सभी प्रमुख दलों के साथ-साथ निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जहां कुछ राजनीतिक दलों ने चुनावों की घोषणा से पहले अपने उम्मीदवारों की लिस्ट की घोषणा कर दी। वहीं अन्य ने चरणों में चुनाव आगे बढ़ने के साथ-साथ उम्मीदवारों की घोषणा की।

- भारतीय जनता पार्टी ने रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agarwal) को टिकट दिया है।

- कांग्रेस ने बृजमोहन के खिलाफ विकास उपाध्याय (Vikas Upadhyay) को चुनावी मैदान पर उतारा है।

2019 के रिजल्ट

लोकसभा चुनाव 2019 में रायपुर लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सुनील कुमार सोनी विजयी उम्मीदवार रहे। उन्हें कुल 8,37,902 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के प्रमोद दुबे के पक्ष में 4,89,664 वोट पड़े। इसके साथ ही प्रमोद दुबे 3,48,238 वोटों से हार गए थे।

सियासी समीकरण

रायपुर संसदीय सीट का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। छत्तीसगढ़ के राजनीतिक सफर की बात करें तो बीते 20 वर्षों से यहां बीजेपी का कब्जा रहा है। कांग्रेस को यहां अपनी जमीन तलाशने के लिए जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ रही है। वहीं भगवा पार्टी के पास सीट बरकरार रखने की चुनौती है। रायपुर लोकसभा सीट में 9 विधानसभा सीटें हैं।

आजादी के बाद के शुरुआती दशकों में रायपुर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ थी। साल 1951 से अब तक 17 बार हुए आम चुनाव में 8 बार मतदाताओं ने कांग्रेस को चुना। साल 1996 में विद्याचरण के बड़े भाई श्यामाचरण शुक्ल को रमेश बैस ने हराया था। इसके बाद से रायपुर सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बन गया।

रमेश बैस ने 6 बार दर्ज की जीत

रायपुर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ रही है। रमेश बैस साल 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव जीते। रमेश लगातार 23 साल तक बीजेपी के सांसद रहे। रायपुर लोकसभा क्षेत्र से 6 बार सांसद रहे रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है। रायपुर सीट पर वर्तमान में बीजेपी के सुनील सोनी सांसद हैं। ऐसे में इस सीट पर सेंधमारी करना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।

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एक मतदाता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बीजेपी की सरकार फिर से आनी चाहिए। फिर से पीएम नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार को महंगाई पर ध्यान देना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री मोदी और राज्य में सीएम विष्णु देव साय अच्छा काम कर रहे हैं।

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