CAA के तहत पहली बार 14 शरणार्थियों को दी गई भारतीय नागरिकता, सिटीजनशिप सर्टिफिकेट का पहला सेट जारी

Citizenship Amendment Bill: नागरिकता संशोधन एक्ट यानी CAA के नियमों का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद यह कानून देश में लागू हो गया है। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

अपडेटेड May 16, 2024 पर 11:23 AM
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CAA के तहत केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने 14 लोगों को सिटीजनशिप सर्टिफिकेट सौंपे

Citizenship Amendment Bill: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जारी मतदान के बीच केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत सिटीजनशिप सर्टिफिकेट का पहला सेट जारी कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, CAA के तहत पहली बार 14 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी गई है। केंद्रीय गृह सचिव ने बुधवार (15 मई) को 14 शरणार्थियों को सिटीजनशिप सर्टिफिकेट सौंपे।

इसके साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो गई। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बुधवार कहा कि केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला (Ajay Kumar Bhalla) ने नई दिल्ली में 14 लोगों को सिटीजनशिप सर्टिफिकेट (citizenship certificates to first 14 people in New Delhi) सौंपे।

अमित शाह ने पहले ही कर दिया था ऐलान


हाल ही में News18 को दिए एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया इसी महीने शुरू होगी। CAA को बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में अधिनियमित किया गया था, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए थे।

बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए जिन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलेगी उनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं। भारत सरकार ने इस साल 11 मार्च को CAA को अधिसूचित किया था।

क्या है CAA?

नागरिकता संशोधन एक्ट यानी CAA के नियमों का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद यह कानून देश में लागू हो गया है। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी देते हुए मार्च महीने में X पर लिखा था, ''मोदी सरकार ने नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की अधिसूचना जारी कर दी है इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए अल्पसंख्यकों को यहां की नागरिकता मिल जाएगी।"

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शाह ने आगे लिखा, "इस नोटिफिकेशन के जरिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है इन देशों में रहने वाले सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को संविधान निर्माताओं की ओर से किए गए वादे को पूरा किया है।''

CAA को 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ना के शिकार गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में लाया गया था। इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग शामिल हैं।

कानून बनने के बाद, CAA को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई लेकिन जिन नियमों के तहत भारत की नागरिकता दी जानी थी, उन्हें चार साल से अधिक की देरी के बाद इस साल 11 मार्च को जारी किया गया।

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