कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंदर सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा में बीजेपी सरकार अल्पमत में है और इसका वजदू सिर्फ तकनीकी आधार पर बचा हुआ है। उनके मुताबिक, हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी को नैतिक आधार पर तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि अगर सैनी इस्तीफा नहीं देते हैं तो राज्यपाल को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। रोहतक में चुनाव प्रचार के दौरान न्यूज18 को दिए इंटरव्यू में हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार अब अल्पमत में आ गई है।
उनका कहना था, ' जब जेजेपी के साथ उनका गठबंधन टूटा, तो बीजेपी ने राज्यपाल को 48 विधायकों की सूची सौंपी थी। 48 में से 2 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है और वे लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। तीन विधायकों ने बीजेपी से समर्थन वापस ले लिया है और वे अब कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। लिहाजा, इस सरकार के पास वास्तव में अब 42 या 43 विधायक हैं और यह अल्पमत में है। विधानसभा में आधा समर्थन के लिए 45 विधायकों की जरूरत होती है।'
उन्होंने कहा, 'हम मुख्यमंत्री से नैतिक आधार पर तुंरत इस्तीफा देने की अपेक्षा रखते हैं और ऐसा नहीं होने पर राज्यपाल को राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए, क्योंकि 10-12 दिनों में वोटिंग होनी है।' हुड्डा ने कहा कि राज्यपाल को इस मामले में आवश्यक तौर पर संवैधानिक कदम उठाना चाहिए। बहरहाल, बीजेपी कह रही है कि 6 महीने के अंदर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। पिछला प्रस्ताव फरवरी में पेश किया गया था। हरियाणा में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर में होगा।
हुड्डा का कहना था, 'ये तकनीकी बातें हैं। उन्होंने लोगों का भरोसा खो दिया है। सरकार से विधायकों का भरोसा खत्म हो चुका है। फिलहाल, हरियाणा में चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। लिहाजा, फिलहाल यह अल्पमत सरकार है जो तकनीकी आधार पर चल रही है। हालांकि, वास्तव में अदालतों ने पहले इस तकनीकी आधार को मान्यता नहीं दी है। हम देखते हैं कि इस सिलसिले में क्या किया जा सकता है।'
इस बीच, दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जेजेपी ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर कहा है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है, तो उनके 10 विधायक कांग्रेस पार्टी का समर्थन करेंगे। इस बारे में हुड्डा का कहना था, ' हरियाणा में जेजेपी पर कोई भरोसा नहीं करता है। इसे भरोसा तोड़ने वाली पार्टी के तौर पर जाना जाता है। उन्हें अपने विधायकों से हस्ताक्षर करवा कर राज्यपाल को चिट्ठी लिखनी चाहिए कि वे अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में कांग्रेस को समर्थन करेंगे।'