लोकसभा चुनाव 2024 में कैसा रहा इंडिया अलांयस का प्रदर्शन, कौन सबसे ज्यादा फायदे में?

इस बार के लोकसभा चुनावों में एनडीए और इंडिया अलायंस के बीच कांटे का मुकाबला रहा। इंडिया अलायंस में कांग्रेस के अलावा राजद, सपा, एनसीपी और आप सहित करीब 28 पार्टियां शामिल हैं। इंडिया अलायंस की तरफ से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तेजस्वी और अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार किए

अपडेटेड Jun 11, 2024 पर 4:29 PM
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2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में एनडीए का मुकाबला यूपीए से था। इस बार यानी 2024 के लोकसभा चुनावों में एनडीए का मुकाबला इंडिया अलायंस से है।

इस बार लोकसभा चुनावों में एनडीए औक इंडिया अलायंस के बीच कांटे का मुकाबला दिखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के मुकाबले कांग्रेस ने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गंधी को चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारा था। उधर, इंडिया अलायंस में शामिल सपा, राजद, एनसीपी-शरद और शिवसेना-उद्धव ने एडीए को हराने के लिए हर मुमकिन कोशिश की।

इंडिया अलायंस में 28 दल शामिल

2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में एनडीए (NDA) का मुकाबला यूपीए से था। इस बार यानी 2024 के लोकसभा चुनावों में एनडीए का मुकाबला इंडिया अलायंस से रहा। इंडिया अलायंस में दो दर्जन से ज्यादा राजनीतिक दल शामिल हैं। इनमें कांग्रेस के अलावा सपा, राजद, एनसीपी, वाम दल, आप, डीएमके प्रमुख हैं।


पिछले दो चुनावों के मुकाबले कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन

2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 206 सीटें मिली थीं। उसने सहयोगी दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई थी। लेकिन, 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को एनडीए के मुकाबले पराजय का सामना करना पड़ा। उसे सिर्फ 44 सीटें हासिल हुई। 2019 के चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा। हालांकि, 2014 के मुकाबले उसे 52 सीटें मिली थीं। इस बार उसे 99 सीटें मिली हैं। इस तरह पिछले दो लोकसभा चुनावों के मुकाबले कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा।

इंडिया में सबसे ज्यादा फायदा सपा को

सपा को 2009 में 23 सीटें मिली थीं। लेकिन, 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर का असर पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ा। उसे सिर्फ 5 सीटें मिलीं। 2019 के लोकसभा चुनावों में सपा ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। लेकिन, उसे इसका फायदा नहीं मिला। उसे 5 सीटें ही मिल सकी थी। लेकिन, इस बार उसका प्रदर्शन शानदार रहा। उसे 37 सीटें मिली हैं।

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बाकी दलों का मिलाजुला रहा प्रदर्शन

राजद के 2009 के लोकसभा चुनावों में 4 सीटें मिली थीं। 2014 के लोकसभा चुनावों में भी उसे 4 सीटें मिली थीं। लेकिन, 2019 के लोकसभा चुनावों में राजद एक भी सीट नहीं जीत सकी। इस बार भी राजद ने 4 सीटें जीती हैं। एनसीपी के बंटवारे के बाद यह लोकसभा का पहल चुनाव था। इस बार एनसीपी के दोनों गुटों को मिलाकर 9 सीटें मिली हैं। शरद गुट को 8 और अजीत गुट को 1 सीट मिली है। उधर, डीएमके को इस बार 22 सीटें मिली है। यह 2019 की 24 सीटों के मुकाबले 2 कम है। हालांकि, 2014 में पार्टी को एक भी सीट नही मिली थी।

पार्टी 2009 2014 2019 2024
कांग्रेस 206 44 52 99
सपा 23 5 5 37
राजद 4 4 0 4
एनसीपी 9 6 5 1+8

 

 

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