उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पांचवें चरण की वोटिंग से पहले बड़ा बयान दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार की दो सबसे ताकतवर जांच एजेंसियों की उपयोगिता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी बंद होने चाहिए, क्योंकि ये गैरजरूरी हैं। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में ये बातें कहीं। इन दोनों एजेंसियों पर गलत इस्तेमाल के आरोप लगते रहे हैं। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार विपक्षी नेताओं के खिलाफ इन दोनों एजेंसियों का इस्तेमाल करती है।
यादव ने कहा कि वह सीबीआई और ईडी को बंद करने का प्रस्ताव इंडिया ब्लॉक के समक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने धोखाधड़ी की है तो इसकी जांच करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट है। आखिर CBI की जरूरत क्या है? हर राज्य में एंटी-करप्शन डिपार्टमेंट है। जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बार सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों दलों ने बिहार की राजद के साथ मिलकर इंडिया ब्लॉक बनाया है। इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार कई लोकसभा सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार को कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं।
जांच एजेंसियों का इस्तेमाल सरकार गिराने के लिए
सीबीआई और ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए यादव ने कहा कि अगर सरकार गिरानी है तो इन दोनों का इस्तेमाल होता है। अगर सरकार बनानी है तो दोनों का इस्तेमाल होता है। नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान क्या हुआ था। इन दोनों एजेंसियों ने तब क्यों नहीं मामलों की जांच की थी। उन्होंने पूछा कि कैसे लोग अपने कालेधन को सफेद में बदलने में सफल हो गए?
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections 2024: एनडीए को मिलेंगी 2019 से ज्यादा सीटें, जानिए एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग ने रिपोर्ट में क्या कहा है
इलेक्शन बॉन्ड्स घोटाले की सच्चाई आई बाहर
सपा प्रमुख ने कहा कि यह मेरा प्रस्ताव है। मैं दोनों एजेंसियों को बंद करने के प्रस्ताव को इंडिया ब्लॉक के सामने रखूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्शन बॉन्ड्स के मामले से बीजेपी के जबर्दस्ती पैसे की वसूली का खुलासा हो गया है। इसके लिए पार्टी सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल करती है। अब यह साबित हो चुका है कि कोई पैसे की वसूली उस तरह से नहीं कर सकता, जैसा बीजेपी ने किया है।