Jammu and Kashmir Lok Sabha Chunav 2024: 25 मई को देश के विभिन्न हिस्सों में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत मतदान हो रहा है। इस बीच जम्मू और कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने यह आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया कि पुलिस ने उनकी पार्टी के पोलिंग एजेंटों और कार्यकर्ताओं को बिना किसी कारण के हिरासत में लिया है। महबूबा मुफ्ती, अनंतनाग-राजौरी सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद और 'अपनी पार्टी' के जफर इकबाल मन्हास के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं।
मुफ्ती ने कहा, 'पीडीपी कार्यकर्ताओं को बिना किसी कारण के पुलिस स्टेशनों में बंद किया जा रहा है। डीजी, एलजी, ऊपर से नीचे तक सभी अधिकारी इसमें शामिल हैं। उन्होंने पीडीपी पोलिंग एजेंटों को पुलिस स्टेशनों में बंद कर दिया है। आपने कहा था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होगा लेकिन आप ये सब कर रहे हैं। कई जगहों से EVM के साथ छेड़छाड़ की कोशिश करने की शिकायतें मिल रही हैं।'
मोबाइल से आउटगोइंग कॉल सस्पेंड करने का भी आरोप
मुफ्ती ने 25 मई को यह भी दावा किया कि उनके मोबाइल नंबर से फोन करने की सुविधा यानि कि आउटगोइंग कॉल को बिना किसी स्पष्टीकरण के सस्पेंड कर दिया गया है। महबूबा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘मैं सुबह से कोई फोन कॉल नहीं कर पा रही हूं। अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में मतदान के दिन अचानक सेवाओं को सस्पेंड करने का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।’’ पीडीपी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए इस मुद्दे को उठाया। इसमें कहा गया, ‘‘चुनाव से ठीक पहले महबूबा मुफ्ती की मोबाइल फोन सेवा अचानक बंद कर दी गई है। मतदान क्षेत्र में कई पीडीपी कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंटों को कल शाम और आज तड़के हिरासत में लिया गया।’’
शुक्रवार 24 मई को मुफ्ती ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर दावा किया था कि चुनाव की पूर्व संध्या पर उनके कार्यकर्ताओं को गलत तरीके से हिरासत में लिया गया है। उन्होंने दावा किया, "हमारे कई पीडीपी पोलिंग एजेंटों और कार्यकर्ताओं को मतदान से ठीक पहले हिरासत में लिया जा रहा है। जब परिवार पुलिस स्टेशनों में गए तो उन्हें बताया जा रहा है कि यह एसएसपी अनंतनाग और डीआईजी दक्षिण कश्मीर के आदेश पर किया जा रहा है। हमने चुनाव आयोग को लिखा है, उनके समय पर हस्तक्षेप करने की उम्मीद है।" जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि मतदान के दिन कानून और व्यवस्था के लिए संभावित खतरे के इनपुट मिलने के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।
अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की तारीख पहले 7 मई थी। लेकिन रसद, संचार और कनेक्टिविटी की प्राकृतिक बाधाओं को लेकर विभिन्न दिक्कतों के कारण चुनाव आयोग ने इसे संशोधित कर 25 मई कर दिया। 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहले आम चुनाव में जम्मू, बारामूला, श्रीनगर और उधमपुर की सीटों पर मतदान हो चुका है। 2022 में डिलिमिटेशन एक्सरसाइज के बाद अनंतनाग-राजौरी में यह पहला चुनाव है, जिसमें पुंछ और राजौरी के क्षेत्र को निर्वाचन क्षेत्र में जोड़ा गया है।