जेडी (यू) और बीजेपी की दोस्ती फिलहाल बनी रहेगी। जेडी (यू) के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने सीएनबीसी-टीवी18 को दिए खास इंटरव्यू में बताया कि पार्टी एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी। निषाद की टिप्पणी ऐसे वक्त आई है, जब एनडीए और इंडिया गठबंधन केंद्र में सरकार बनाने के लिए अलग-अलग विकल्पों पर गौर कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जेडी (यू) नेताओं को कई तरह के मीम देखने को मिल रहे हैं, जिनमें जेडी(यू) के मुखिया नीतीश कुमार के गठबंधन बदलने को लेकर तंज किया जा रहा है
निषाद ने एनडीए से अलग होने से जुड़ी किसी भी तरह की अटकल को खारिज करते हुए कहा, 'हम एनडीए गठबंधन से जुड़कर चुनाव लड़े थे और हम भविष्य में भी एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे।' जेडी (यू) द्वारा एनडीए का हिस्सा बने रहने को लेकर घोषणा करने के बाद पार्टी अब बिहार के स्पेशल स्टेटस की मांग कर सकती है।
निषाद ने बताया, 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जेडी(यू) की मांग रही है। बिहार को उस तरह का आर्थिक सहयोग नहीं मिली है, जो उसे मिलना चाहिए था। जब नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे, तो बिहार के लोग स्पेशल पैकेज की उम्मीद करेंगे, ताकि बिहार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ सके।'
जेडी(यू) द्वारा रेलवे मंत्रालय की मांग करने संबंधी खबरों पर पार्टी प्रवक्ता ने इसे 'मीडिया का अटकल' करार दिया। हालांकि, निषाद का यह भी कहना था कि नीतीश कुमार ने अटल बिहारी वाजेपयी सरकार के कार्यकाल में रेलवे डिपार्टमेंट में शानदार काम किया है। निषाद का कहना था कि इस संबंध में नीतीश कुमार ही अंतिम फैसला करेंगे और उनकी बात कोई मना नहीं कर सकता है।
बीजेपी 272 का आंकड़ा छूने में असफल रही है, लिहाजा उसे बहुमत हासिल करने के लिए सहयोगी दलों की जरूरत है। हालांकि, एनडीए गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए 290 सीटें हासिल की हैं और बिहार के सीएम नीतीश कुमार और टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू संभावित किंगमेकर के तौर पर उभरकर सामने आए हैं।