कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय (Justice Abhijit Gangopadhyay) ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जस्टिस गंगोपाध्याय ने अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है। उसकी एक-एक कॉपी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ एवं कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम को भेजी हैं। जस्टिस गंगोपाध्याय मंगलवार सुबह हाई कोर्ट में अपने चैंबर में पहुंचे जिसके बाद उनकी ओर से त्यागपत्र भेजा गया।
जस्टिस गंगोपाध्याय भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होकर चुनाव लड़ेंगे। पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने बीजेपी में शामिल होने और लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर मंगलवार को कहा, "यह हाई कमान (लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं) द्वारा तय किया जाएगा। मैं शायद 7 मार्च को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकता हूं।"
'टीएमसी सबसे खराब पार्टी मोदी अच्छे नेता'
एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि बीजेपी टीएमसी से बेहतर है और कांग्रेस से भी। उन्होंने कहा कि टीएमसी स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक पार्टी नहीं है। वे एक क्लब हैं। जबकि कांग्रेस एक 'पारिवारिक जमींदार' पार्टी है। टीएमसी की तुलना में कांग्रेस और बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर है। पूर्व जज ने कहा कि टीएमसी सबसे खराब पार्टी है जिसे मैंने कभी देखा है।
साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी एक मेहनती व्यक्ति हैं जो भारत को बड़े खतरे से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उनका नेतृत्व निश्चित तौर पर अच्छा है। वह बहुत सारी चीजें कर रहे हैं।
कौन हैं जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय?
- 2018 से हाई कोर्ट के जज जस्टिस गंगोपाध्याय अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं, जिससे विवाद पैदा हो गए। जस्टिस गंगोपाध्याय का जन्म 1962 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने दक्षिण कोलकाता में एक बंगाली माध्यम स्कूल, मित्रा इंस्टीट्यूशन में पढ़ाई की।
- कोलकाता के हाजरा लॉ कॉलेज से ग्रेजुट की पढ़ाई पूरी करने के बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने उत्तर दिनाजपुर जिले में अपना करियर शुरू किया, जहां उन्होंने पश्चिम बंगाल सिविल सेवा ग्रेड-A अधिकारी के रूप में काम किया। बाद में उन्होंने सिविल सेवा छोड़ दी और कलकत्ता हाई कोर्ट में एक राज्य वकील के रूप में अभ्यास करना शुरू कर दिया। जस्टिस गंगोपाध्याय को 2018 में अतिरिक्त जज के पद पर पदोन्नत किया गया और दो साल बाद स्थायी जज बन गए।
- हाई कोर्ट के जज के रूप में जस्टिस गंगोपाध्याय ने पिछले अप्रैल में एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देकर एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया था। तत्कालीन जज 'नकद के बदले स्कूल में नौकरी घोटाले' से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस मामले में टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी की कथित भूमिका पर बात की। सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि 'मौजूदा जजों को टीवी चैनलों को इंटरव्यू देने का कोई काम नहीं है।'
- जस्टिस गंगोपाध्याय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रियाओं में अनियमितताओं के आरोपों की जांच करने का निर्देश देते हुए कई निर्देश जारी किए हैं।