Lok Sabha Elections 2024: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के शीर्ष अधिकारी इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर राज्यों का दौरा कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग 9 मार्च के बाद कभी भी लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। भारत में 18वीं लोकसभा के सदस्यों के चुनाव के लिए आम चुनाव इस साल अप्रैल और मई में होने की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव 2024 और कुछ राज्यों में एक साथ होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी जारी रखते हुए ECI के अधिकारियों की एक टीम इन दिनों राज्यों का लगातार दौरा कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग के प्रतिनिधि जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति और बलों की उपलब्धता के बारे में पूछने के लिए 8-9 मार्च के बीच सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। वे जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए 12-13 मार्च को जम्मू-कश्मीर का दौरा भी करेंगे।
इस दौरे का मकसद यह पता लगाना है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ कराए जा सकते हैं या नहीं। सूत्रों ने कहा, "सब कुछ बलों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।"
विभिन्न राज्यों में चुनाव निकाय अधिकारियों की नियोजित यात्रा से यह संकेत मिलता है कि 2024 का चुनाव कैलेंडर 2019 के समान हो सकता है। 2019 में लोकसभा चुनाव की घोषणा 10 मार्च को हुई थी। जबकि 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में मतदान हुआ था। वहीं, वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी।
पीएम मोदी का दावा- बीजेपी 370 सीटें जीतेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि उन्हें विश्वास है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) आगामी लोकसभा चुनाव में 370 सीट का आंकड़ा पार कर जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा है कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 400 से अधिक सीटें मिलेंगी। सवाल उठ रहा है कि आखिर किस आधार पर ये दावा पीएम मोदी की तरफ से किया जा रहा है। पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद बीजेपी देशभर में एग्टिव हो गई है।
दरअसल, NDA की सीटें 400 पार पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने BJP की 370 सीटों को 'माइल स्टोन' बताते हुए हर बूथ पर 2019 की तुलना में 370 वोट अधिक पाने की रणनीति समझाई है तो उसे धरातल पर उतारने के लिए संगठन ने भी कमर कस ली है।
BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मिशन-2024 का एक्शन प्लान देशभर से जुटे पदाधिकारियों को समझा दिया है, जिसके तहत पार्टी प्रत्येक बूथ पर कांग्रेस की 'चार्जशीट' बांटेगी। इसमें बीजेपी की उपलब्धियों के बखान के साथ विपक्ष में खास तौर पर कांग्रेस शासनकाल की खामियों को आमजन के बीच विमर्श में ले जाएगी।