Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने के कुछ देर बाद पूर्व सांसद नवीन जिंदल (Former Congress MP Naveen Jindal Joins BJP) भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं। उद्योगपति और कुरुक्षेत्र से पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने बीजेपी में शामिल होने से कुछ देर पहले ही रविवार (24 मार्च) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की घोषणा की थी।
माना जा रहा है उन्हें हरियाणा के कुरुक्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार बनाया जा सकता है। बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में उन्होंने केंद्र एवं हरियाणा की सत्तारूढ़ पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बीजेपी मुख्यालय पहुंचने से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
जिंदल ने अपने इस्तीफे में लिखा, "मैंने 10 वर्ष कांग्रेस पार्टी के कुरुक्षेत्र के सांसद के रूप में संसद में प्रतिनिधित्व किया। मैं कांग्रेस नेतृत्व और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह जी का धन्यवाद करता हूं। आज (24 मार्च) मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।"
इस दौरान तावड़े ने कहा कि जिंदल के बीजेपी में शामिल होने से विशेषकर हरियाणा में पार्टी और मजबूत होगी। वहीं जिंदल ने कहा, "आज मेरे जीवन का महत्वपूर्ण दिन है। भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़कर मैं विकसित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने में योगदान देना चाहता हूं।"
नवीन जिंदल ने बताया क्यों BJP में हुए शामिल?
कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए नवीन जिंदल ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, ''यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि बीजेपी ने मुझे यह मौका दिया। आज होली के शुभ अवसर पर मेरा लक्ष्य देश में और अधिक खुशियां लाना है। पीएम मोदी के नेतृत्व में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम करूंगा। मुझे पूरा विश्वास है कि हम सभी अपने भारत को विकसित भारत बनाने की कोशिश कर रहे हैं और हमें इसमें सफलता मिलेगी।"
उन्होंने आगे कहा, "बीजेपी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं करूंगा उस जिम्मेदारी को अच्छे से निभाएं। मैं पिछले 10 वर्षों से कांग्रेस के साथ हूं। मैं पार्टी में सक्रिय नहीं था। मैं पिछले 10 वर्षों में उनके किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ हूं और मैं पिछले कुछ समय से किसी भी राजनीतिक दल से पूरी तरह से अलग हो गया हूं। मेरा ध्यान केवल अपने काम, सामाजिक कार्य और विश्वविद्यालय पर था। इसलिए मुझे नहीं लगता कि मेरे इस्तीफे से उन (कांग्रेस) पर कोई फर्क पड़ेगा क्योंकि मेरा वहां न तो कोई प्रभार था और न ही मैं कभी वहां का पदाधिकारी था।"