लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने प्रियंका के लिए तैयार कर दिया मैदान, रायबरेली की जनता को लिखा भावुक पत्र
ऐसी अटकलें हैं कि सोनिया गांधी की बेटी और AICC की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत उस सीट से करेंगी, जो कभी उनकी दादी इंदिरा गांधी के पास थी। वैसे भी कांग्रेस समर्थक शुरुआत से ही ये कहते आए हैं कि प्रियंका में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा की झलक दिखती है। हालांकि, ये तो बाद में ही साफ होगा कि पार्टी उन्हें इस पारंपरिक से मैदान में उतारते है या नहीं
एक बैठक के दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और AICC महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (PHOTO-PTI)
कांग्रेस (Congress) की पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने गुरुवार को ये साफ कर दिया है कि वे आने वाला लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) नहीं लड़ेंगी। इसी कड़ी में उन्होंने रायबरेली (Rae Bareli) की जनता के नाम एक पत्र भी लिखा। रायबरेली कांग्रेस की परंपरागत सीट है। उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र की जनता से कहा कि वे अपनी उम्र और स्वास्थ्य समस्या के चलते इस बार आम चुनाव नहीं लड़ेंगी। 77 साल की सीनियर नेता ने अपने खत में ये भी संकेत दिया कि रायबरेली से आने वाले चुनाव में गांधी परिवार का ही कोई सदस्य मैदान में दिखेगा।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता के नाम एक भावुक पत्र लिखकर कहा है कि वह स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने रायबरेली की जनता का आभार जताया और कहा कि वह भले ही सीधे तौर पर उनका प्रतिनिधित्व न करें, लेकिन उनका मन-प्राण हमेशा ही वहां की जनता के साथ रहेगा।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने ये उम्मीद भी जताई कि रायबरेली के लोग हर मुश्किल में उन्हें और उनके परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे, जैसे अब तक संभालते आए हैं।
सोनिया गांधी ने बुधवार को राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से नामांकन दाखिल किया। पहली बार वह उच्च सदन में जा रही हैं। वह 1999 से लोकसभा की सदस्य हैं और 2004 से रायबरेली का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
'ससुराल से मुझे शगुन की तरह मिला'
पत्र में उन्होंने कहा, "मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबेरली आकर, आप लोगों से मिलकर पूरा होता है। यह नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे शगुन की तरह मिला है।"
सोनिया गांधी ने कहा, "रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़े बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आप लोगों ने मेरे ससुर फिरोज गांधी को जिताकर दिल्ली भेजा था। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी जी को आपने अपना बना लिया। तब से अब तक यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई।"
उनका कहना था, "इसी रौशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया। पिछले दो चुनाव में विषम परिस्थतियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह कभी भूल नहीं सकती।"
उन्होंने कहा, "यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी बदौलत हूं और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है।’’
सोनिया गांधी ने कहा, "अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा।"
प्रियंका के लिए सोनिया ने तैयार की चुनावी जमीन
उन्होंने आखिर में कहा, "मुझे पता है कि आप हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं।" उनके इस कथन को राजनीतिक गलियारों में एक संकेत की तरह लिया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने राय बरेली की जनता को एक मैसेज दिया है कि आने वाले चुनाव में यहां से गांधी परिवार का ही कोई सदस्य मैदान में उतरेगा।
अटकलें हैं कि कोई और नहीं बल्कि सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी भी इस बार लोकसभा चुनाव में ताल ठोक सकती हैं और पार्टी उन्हें सबसे सेफ सीट रायबरेली से मैदान में उतारेगी। अगर ऐसा होता है, तो प्रियंका अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ेंगी।
इतना ही नहीं पहले भी जब कभी प्रियंका गांधी से चुनावी मैदान में उतरने को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बार यही दोहराया कि कांग्रेस जैसा कहेगी और जैसी उसकी जरूरत होगी, वे वैसा करने के लिए तैयार हैं। मतलब साफ है कि प्रियंका ने कभी भी चुनावी राजनीति में उतरने से इनकार नहीं किया।
इस सब के बीच मां सोनिया गांधी के इस भावुक पत्र ने भी इस और इशारा कर दिया है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी बेटी के लिए जमीन तैयार करनी शुरू कर दी।