Lok Sabha Elections 2024: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machine) यानी EVM भारत में चुनाव प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण अंग बन गई है। यह एक पोर्टेबल मशीन है। इसे कहीं भी उठाकर ले जा सकते हैं। मतदान प्रक्रिया के लिए इस पिछले दो दशकों से इस्तेमाल किया जा रहा है। पंचायती चुनाव, लोकसभा चुनाव, राज्यों में विधान सभा चुनावों में हर जगह इसका इस्तेमाल किया जाता है। EVM के उपयोग से मतदान (Voting) से लेकर मतगणना (Counting) तक चीजें आसान हो गई हैं। इतना ही नहीं EVM से मतदान होने पर चुनाव का खर्च भी कम हो गया है।
देश में हर साल कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं। ऐसे में EVM की अहमियत ज्यादा बढ़ जाती है। देश में ईवीएम के दूसरे संस्करण का उपयोग हो रहा है। इसकी क्षमता पहले संस्करण के मुकाबले काफी ज्यादा है।
जानिए क्या है EVM, कैसे करती है काम
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) वोट रिकॉर्ड करने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में दो यूनिट होती हैं। एक कंट्रोल यूनिट (Control Unit) होती है और दूसरी वोटिंग यूनिट (Voting Unit) होती है। वोटिंग यूनिट 5 मीटर केबल से जुड़ी होती है। कंट्रोल यूनिट को पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास रखा जाता है। जबकि वोटिंग यूनिट को वोटिंग कंपार्टमेंट के अंदर रखा जाता है। EVM में बैलेट पेपर नहीं होता है। इसमें मतदान अधिकारी कंट्रोल यूनिट पर बैलेट बटन दबाकर एक बैलेट जारी करते हैं। फिर वोटर अपनी पसंद के उम्मीदवार और चुनाव चिह्न के सामने बैलेटिंग यूनिट पर नीले बटन को दबाकर अपना वोट डालते हैं।
बटन दबाने के बाद, चुने गए उम्मीदवार के बगल में एक लाल बत्ती चमकती है। लंबी बीप की आवाज आती है। जिससे अधिकारी और अन्य सुरक्षाकर्मियों को भी पता चल जाता है कि मतदाता के मतदान की प्रक्रिया सुरक्षित तरीके से पूरी हो गई है। कोई भी मतदाता बैलट स्लिप का प्रिंट देख सकता है जो उम्मीदवार और क्रम संख्या के लिए वोट डाले जाने के बारे में जानकारी मिलती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, M2 ईवीएम की कीमत 8,670 रुपये थी। वहीं, एक एम3 ईवीएम की कीमत करीब 17,000 रुपये पड़ती है। भारी संख्या में ईवीएम बनाने में ज्यादा पैसे जरूर खर्च होते हैं, लेकिन इससे हर चुनाव के लिए लाखों में मतपत्रों की छपाई, ढुलाई, भंडारण आदि के मामले में बहुत पैसे बचते हैं। इससे वोटों की गिनती के समय कम कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है। जिससे खर्च भी बचता है।