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Loksabha Elections 2024: चाची-भतीजे की लड़ाई में मतुआ समुदाय के कमजोर पड़ने का खतरा

Loksabha Elections 2024: पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में आने वाली ठाकुरगंज सीट पर चाची और भतीते के बीच सीधी टक्कर है। इस इलाके में मतुआ समुदाय का अच्छा असर है। लेकिन, भाजपा और तृणमूल दोनों ही दलों के उम्मीदवार मतुआ समुदाय के हैं। ऐसे में मतुआ मदताओं के वोट बंटने की आशंका है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 09, 2024 पर 5:22 PM
Loksabha Elections 2024: चाची-भतीजे की लड़ाई में मतुआ समुदाय के कमजोर पड़ने का खतरा
Lok Sabha Elections 2024: 2019 के लोकसभा चुनावों में ठाकुरनगर सीट पर शांतनु ठाकुर की जीत हुई थी

Loksabha Elections 2024: मतुआ समुदाय की बहुलता वाले पश्चिम बंगाल के ठाकुरनगर में सियासी पारा बढ़ गया है। इसकी वजह इस सीट को लेकर राजनीतिक जंग है। यहां से BJP ने शांतनु ठाकुर को टिकट दिया है। उधर, तृणमूल (TMC) ने ममता बाला ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है। ममता बाला राज्यसभा सांसद हैं। दोनों उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच 7 अप्रैल को टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। इसके केंद्र में मतुआ समुदाय की पुरोधा रही बीनापानी देवी का एक मकान है। बीनापानी देवी का पांच साल पहले हो गया था। उन्हें इस इलाके में सभी 'बड़ो मां' कहते थे। असल लड़ाई बड़ो मां के मकान के नियंत्रण के लिए है।

शांतनु ठाकुर पर मकान में जबरन घुसने का आरोप

टीएमसी के मुताबिक, 7 अप्रैल की रात शांतनु अपने समर्थकों के साथ बड़ो मां के मकान पर कब्जे के लिए पहुंच गए। अभी इस घर में ममता बाला रहती हैं। शांतनु ठाकुर बड़ो मां के पोता हैं, जबकि ममता बाला उनकी बहू हैं। इस तरह शांतनु और ममता बाला का संबंध चाची-भतीजे का है। ठाकुरनगर नॉर्थ 24 परगना जिले में है। शांतनु की दलील है कि इस प्रॉपर्टी पर उनका हक है, लेकिन ममता बाला ने इस पर गैरकानूनी कब्जा कर लिया है। उन्होंने इस मकान के एक हिस्से को टीएमसी का ऑफिस भी बना दिया है।

2019 में शांतनु ठाकुर की हुई थी जीत

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