NOTA makes record: अगली लोकसभा के लिए आज मतों की गिनती हुई। इस बार एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं और बीजेपी के गठबंधन एनडीए को कांग्रेस के गठबंधन I.N.D.I.A से कड़ी टक्कर मिली। हालांकि कुछ राज्यों में बीजेपी ने अपना तगड़ा दबदबा दिखाया है जैसे कि मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की। हालांकि सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि नोटा को रिकॉर्डतोड़ वोट मिले हैं और वह भी कांग्रेस की अपील पर। कांग्रेस ने इंदौर सीट के मतदाताओं से अपील की थी कि वे NOTA को वोट करें यानी कि 'कोई भी कैंडिडेट पसंद नहीं' के विकल्प पर। इंदौर सीट से बीजेपी के शंकर ललवानी ने रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की है और वह 11.75 लाख मतों से जीते हैं। वहीं नोटा को 2,18,674 वोट मिले हैं।
Congress ने क्यों की थी NOTA की अपील
मतदाताओं की संख्या के हिसाब से मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी संसदीय सीट इंदौर से कांग्रेस की तरफ से अक्षय कांति ने पर्चा भरा था। वह पहली बार चुनाव लड़ रहे थे लेकिन फिर उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था। सिर्फ यही नहीं, वह कांग्रेस से नाता तोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। इंदौर के चुनावी मैदान में कांग्रेस ने उन्हें ऐसे समय में उतारा था, जब लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के तीन पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने इंदौर लोकसभा सीट के मतदाताओं से अपील की थी कि वे नोटा पर अपना वोट दें। इस प्रकार कांग्रेस कैंडिडेट के रूप में 'नोटा' ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
लगभग चार गुने अंतर से तोड़ा रिकॉर्ड
कांग्रेस की अपील पर इंदौर के लोगों ने ताबड़तोड़ तरीके से नोटा को चुना। इसका असर ये हुआ कि 2,18,674वोट नोटा को मिले। यह अब तक का रिकॉर्ड लेवल है क्योंकि पिछला रिकॉर्ड 51,660 मतों का था। 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की गोपालगंज सीट पर नोटा को 51.660 वोट मिले थे जो उस संसदीय सीट पर कुल पड़े मतों का करीब 5 फीसदी है।