राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 10 साल बाद भी कांग्रेस लोकसभा चुनाव नहीं जीत सकी। उन्होंने दावा किया कि सत्ताधारी गठबंधन को लोकसभा चुनाव में ‘महाविजय’ मिली है और NDA देश का सबसे सफल चुनाव पूर्व गठबंधन साबित हुआ है। मोदी ने फिलहाल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिल कर केंद्र में NDA सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया और अब 9 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं।
NDA की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “10 साल बाद भी कांग्रेस 100 सीटों का आंकड़ा नहीं छू सकी। 2014, 2019 और 2024 के चुनावों को मिला दें, तो कांग्रेस को इतनी सीटें भी नहीं मिलीं जितनी इस चुनाव में बीजेपी को मिली हैं। मैं साफतौर से देख सकता हूं कि INDI गठबंधन के लोग पहले धीरे-धीरे डूब रहे थे, अब वे बड़ी तेजी से डूबने जा रहे हैं।”
हम ना तो हारे थे, ना ही हारे हैं: मोदी
उन्होंने कहा, "चुनाव परिणाम आने के बाद दो दिनों तक कुछ लोगों ने ऐसा माहौल बनाया कि हम लोग हार गए, लेकिन देशवासी जानते हैं कि हम ना तो हारे थे, ना ही हारे हैं।’’
मोदी ने कहा कि एक बच्चा भी जानता है कि NDA ही चुनाव से पहले सत्ता में था और वही चुनाव के बाद भी सत्ता में है। उन्होंने कहा, "हम कहां हार गए? NDA कल भी था, आज है और कल भी रहेगा।"
अब रसातल में गिरते जा रहा है INDI गठबंधन
विपक्षी गठबंधन ने चुनाव में 234 सीटों पर जीत हासिल की है और नतीजों को मोदी की हार के तौर पर पेश किया है। NDA की संख्या 293 है, जो बहुमत के 272 से ज्यादा है।
मोदी ने कहा, "मैं साफ-साफ देख सकता हूं, हालांकि, INDI गठबंधन को पता नहीं है। वे पहले धीरे-धीरे डूब रहे थे, लेकिन अब रसातल में गिरते जा रहे हैं।" इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस यानी ‘इंडिया’ को प्रधानमंत्री अक्सर ‘इंडी’ अलायंस कहते हैं।
EVM ‘अब भी जिंदा है या मर गई है।’
मोदी ने कहा कि उन्होंने चार जून को किसी से पूछा था कि EVM ‘अब भी जिंदा है या मर गई है।’ उन्होंने दावा किया कि इन लोगों (विपक्ष) ने यह सुनिश्चित करने का मन बना लिया था कि भारतीय लोकतंत्र में लोगों का भरोसा टूटे।
उन्होंने कहा, "मुझे तो लगता था कि इस बार ये लोग EVM का अर्थी जुलूस निकालेंगे, लेकिन 4 जून की शाम होते होते उनको सांप सूंघ गया... EVM ने उनको चुप करा दिया। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है। ये भारतीय लोकतंत्र की ताकत, उसकी निष्पक्षता और चुनाव प्रणाली है। मुझे उम्मीद है कि पांच साल तक EVM पर सवाल नहीं उठाए जाएंगे। हो सकता है कि वे 2029 में फिर हंगामा करें।"