नई सरकार के पहले 100 दिन के एजेंडा की समीक्षा इस महीने कर सकती है मोदी सरकार: अधिकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को तीसरी बार सत्ता में लौटने का भरोसा है। इसलिए प्रधानमंत्री पहले ही नई सरकार के अगले 100 दिन का एजेंडा तैयार कर लेना चाहते हैं। इसके लिए सभी मंत्रालयों के अधिकारियों से चर्चा हो रही है

अपडेटेड Apr 10, 2024 पर 4:51 PM
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इस समीक्षा बैठक में फाइनेंस, कॉमर्स, लेबर सहित कई मंत्रालयों के सीनियर अधिकारी शामिल होंगे।

नई सरकार के अगले 100 दिन के एजेंडा (100 Days Agenda) की समीक्षा इस महीने के आखिर में हो सकती है। यह मीटिंग प्रधानमंत्री कार्यालय में होगी। सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने यह बताया। नई सरकार का अगले 100 दिन के एजेंडा को नीति आयोग की निगरानी में तैयार किया गया है। अधिकारी ने बताया कि इस समीक्षा बैठक में फाइनेंस, कॉमर्स, लेबर सहित कई मंत्रालयों के सीनियर अधिकारी शामिल होंगे। चर्चा के बाद इस एजेंडा को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को सौंप दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को तीसरी बार सत्ता में आने का भरोसा है। इसलिए वह नई सरकार के अगले 100 दिन का एजेंडा अभी से तैयार कर लेना चाहती है।

इस महीने होने वाली बैठक में कई मंत्रालयों के अफसर शामिल होंगे

अधिकारी ने कहा, "100 दिन के एजेंडा पर चर्चा के लिए बैठक इस महीने के आखिर में हो सकती है। पीएमओ आखिर में इस एजेंडा पर विचार करने के बाद इसे एप्रूव कर देगा।" पीएम की अतिरिक्त सचिव पुण्य सलीला श्रीवास्तव एजुकेशन, हेल्थ, स्किल डेवलपमेंट, महिला एवं बाल कल्याण विकास के साथ इस एंजेंडा पर चर्चा कर रही हैं। पीएम के दूसरे अतिरिक्त सचिव अरविंद श्रीवास्तव कॉमर्स, फाइनेंस, कंपनी मामलों के मंत्रालय, लेबर और हेवी इंडस्ट्रीज मंत्रालय के अफसरों के साथ इस बारे में चर्चा कर रहे हैं। पीएम के तीसरे अतिरिक्त सचिव हरि रंजन राव जिन मंत्रालयों के अफसरों से चर्चा कर रहे हैं, उनमें इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी, साइंस एंड टेक्नोलॉजी शामिल हैं।


नीति आयोग की निगरानी में तैयार हुआ है एजेंडा

नीति आयोग की स्थापना 2015 में हुई थी। इसने कुछ समय पहले सभी मंत्रालयों को नई सरकार के अगले 100 दिन का एजेंडा पेश करने को कहा था। इसके लिए एक फ्रेमवर्क बनाया गया है। इसमें पॉलिसी इनिशिएटिव और इम्प्लीमेंटेशन से जुड़े मसले शामिल हैं। ऊपर इस बारे में जानकारी देने वाले अधिकारी ने बताया कि नीति आयोग इस पूरे एजेंडा पर नजर रख रहा है।

ये मसले भी एजेंडा में शामिल हो सकते हैं

बताया जाता है कि यूनाइटेड किंग्डम और ओमान से प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नई सरकार के पहले 100 दिन के एजेंडा का हिस्सा हो सकते हैं। इसके अलावा इसमें लंबी समय से ठंडे बस्ते में चल रही ई-कॉमर्स पॉलिसी को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। इस पॉलिसी से स्मॉल बिजनेसेज के हितों की रक्षा हो सकेगी। साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, कंज्यूमर्स से जुड़े मसलों का भी समाधान हो सकेगा।

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