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राहुल गांधी ने बीते 10 साल में शेयरों में तेजी का उठाया है पूरा फायदा, स्टॉक्स में निवेश 0 से 33 फीसदी पहुंचा

राहुल गांधी के इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में इक्विटी की हिस्सेदारी 2014 में जीरो थी। 2024 में यह बढ़कर 33 फीसदी हो गई है। उन्होंने न सिर्फ एचडीएफसी म्यूचुअल फंड और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की स्कीमों में निवेश किया है बल्कि कई कंपनियों के स्टॉक्स में भी उनका डायरेक्ट इनवेस्टमेंट है

अपडेटेड Apr 06, 2024 पर 2:10 PM
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2019 में राहुल गांधी का सिर्फ म्यूचुअल फंड्स के जरिए शेयरों में निवेश था। उनका म्यूचुअल फंड्स की 10 स्कीमों में निवेश था।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने वायनाड लोकसभा सीट से अपने नामांकन में अपने निवेश के बारे में बताया है। इससे पता चलता है कि गांधी का इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो काफी डायवर्सिफायड है। उनका 40 फीसदी से ज्यादा निवेश फाइनेंशियल एसेट्स में है। दिलचस्प बात यह है कि 2014 में एनडीए गठबंधन ने केंद्र में 10 साल पुरानी यूपीए सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका था। तब राहुल गांधी का शेयरों में कोई निवेश नहीं था। राहुल के पोर्टफोलियो को डायवर्सिफायड बनाने में उनके इनवेस्टमेंट एडवाइजर का हाथ हो सकता है। लेकिन, मजेदार बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 साल के शासन में शेयर बाजार में आई तेजी ने राहुल को शेयरों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया होगा।

2014 में शेयरों में कोई निवेश नहीं था

राहुल गांधी के 2014 के चुनावी हलफनामे से पता चलता है कि तब शेयरों में उनका कोई निवेश नहीं था। यहां तक कि इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी उनका तब कोई निवेश नहीं था। Young Indian नाम की कंपनी में उनका छोटा निवेश था। उनके पास इस कंपनी के सिर्फ 100 शेयर थे, जिनमें से हर शेयर की वैल्यू 1,900 रुपये थी। वह इस कंपनी के डायरेक्टर है। नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिकाना हक इसी कंपनी के पास है।


2024 में शेयरों में 6.7 करोड़ रुपये का निवेश

2019 में राहुल गांधी का पोर्टफोलियो काफी मैच्योर हो गया था। शेयरों में उनका करीब 4.07 करोड़ रुपये का निवेश था। यह उनके कुल पोर्टफोलियो का 26 फीसदी था। उनके कुल इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो की वैल्यू तब 15.77 करोड़ रुपये थी। वायनाड में नामांकन के दौरान उन्होंने अपने एसेट्स के बारे में जो जानकारी दी है, उसके अनुसार शेयरों में उनका निवेश बढ़कर 6.70 करोड़ रुपये हो गया है। यह उनके पोर्टफोलियो का 33 फीसदी है।

पिछले पांच साल में शेयरों में निवेश की वैल्यू 2.62 करोड़ बढ़ी

पिछले सालों में उनके पोर्टफोलियो का रिटर्न कितना रहा है, इसका कैलकुलेशन मुश्किल है। इसकी वजह यह है कि एफडेविट में उन्होंने यह नहीं बताया है कि उन्होंने कब कौन से शेयर खरीदे थे। उन्होंने यह भी नहीं बताया है कि इस दौरान उन्होंने कौन-कौन से शेयर बेचे हैं। 2019 से 2024 के बीच शेयरों में उनके निवेश की वैल्यू 2.62 करोड़ बढ़ी है। पोर्टफोलियो में शामिल इक्विटी की वैल्यूएशन बढ़ने की कई वजहें हो सकती हैं। निवेशक के नया निवेश करने या शेयरों की कीमतों में तेजी की वजह से पोर्टफोलियो में शामिल शेयरों की वैल्यू बढ़ जाती है।

पिछले 10 सालों में शेयरों में बढ़ाया निवेश

लेकिन यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी ने 2014 से 2024 के दौरान शेयरों में अपना निवेश बढ़ाया है। हेक्सागोन कैपिटल एडवाइजर्स के एमडी श्रीकांत भागवत ने कहा, "पिछले सालों में राहुल गांधी का आत्मविश्वास बढ़ा है। उनके पोर्टफोलियो को देखने से इसका पता चलता है। उन्होंने पिछले सालों में इक्विटी में निवेश बढ़ाया है। ऐसा लगता है कि इंडियन इकोनॉमी में भी उनका भरोसा बढ़ा है।"

बीते 10 साल में स्टॉक मार्केट ने दिया शानदार रिटर्न

पिछले 10 सालों में स्टॉक मार्केट में आई तेजी ने राहुल को शेयरों में पैसे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया होगा। 1 जनवरी, 2024 से अब तक बीएसई सेंसेक्स का कंपाउंडेड रिटर्न 13 फीसदी रहा है। इस दौरान बीएसई मिडकैप इंडेक्स का कंपाउंडेड रिटर्न 20 फीसदी रहा है, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स का 21 फीसदी रहा है। राहुल गांधी के पोर्टफोलियो को देखने से पता चलता है कि 2019 से 2014 के बीच उन्होंने पोर्टफोलियो में बदलाव किया है।

दो म्यूचुअल फंड हाउसेज की स्कीमों में ज्यादा निवेश

2019 में राहुल गांधी का सिर्फ म्यूचुअल फंड्स के जरिए शेयरों में निवेश था। उन्होंने म्यूचुअल फंड्स की 10 स्कीमों में निवेश किया था। इनमें लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप स्कीमें शामिल थीं। 2024 तक उन्होंने कई स्टॉक्स में सीधा निवेश किया है। अब भी उनके पोर्टफोलियो में म्यूचुअल फंड्स शामिल हैं। लेकिन अब उनका ज्यादा निवेश सिर्फ दो म्यूचुअल फंड हाउसेज की स्कीमों में रह गया है। इनमें एचडीएफसी और आईसीआईसीाई प्रूडेंशियल शामिल हैं। तीसरा फंड हाउस पराग पारिख है जिसके फ्लेक्सी कैप फंड में उनका निवेश है।

गोल्ड में तेजी का फायदा उठाने से चूके राहुल

ऐसा लगता है कि गांधी ने पिछले 10 साल में स्टॉक मार्केट में आई तेजी का फायदा उठाया है। लेकिन, वह गोल्ड में तेजी का फायदा उठाने का मौका चूक गए हैं। 2024 के डेटा के मुताबिक, गोल्ड में उनका निवेश सिर्फ 1 फीसदी है। यह करीब 19 लाख रुपये आता है। इसमें से 4.20 लाख रुपये का निवेश उन्होंने गोल्ड ज्वैलरी में किया है, जबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में उनका निवेश 15 लाख रुपये का है। 2014 से 2024 के बीच गोल्ड ने 10 फीसदी का कंपाउंडेड रिटर्न दिया है। इसका ज्यादा हिस्सा पिछले पांच साल के रिटर्न का है।

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