अकेले 99 सीटें जीतने वाली कांग्रेस अब संसद में विपक्ष के नेता के पद की हकदार है। लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद अब तक चुप रहे राहुल गांधी पर ये भूमिका निभाने का दबाव बढ़ रहा है। पिछली लोकसभा में, ऐसा नहीं हो सका, क्योंकि सबसे पुरानी पार्टी के पास जरूरी संख्या नहीं थी। यही कारण है कि अधीर रंजन चौधरी केवल कांग्रेस के नेता थे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष (LoP) कोई नहीं था। ये एक कैबिनेट-लेवल का पद है और LoP प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के चीफ को चुनने जैसे कई बड़े फैसले लेने वाले पैनल का भी हिस्सा होगा।