UP Loksabha Chunav: 'सब बढ़िया चल रहा है', पश्चिमी यूपी में इस बार क्या BJP के पक्ष में जाएंगे कुछ मुसलमान?

UP Loksabha Chunav 2024: गंगा और यमुना दोनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होकर बहती हैं और यहां के लोगों का कहना है कि यह इलाका अपनी 'गंगा-जमुनी तहजीब' (सांप्रदायिक सद्भाव) के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में कैराना, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, रामपुर और मोरादाबाद जैसी कई लोकसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की निर्णायक संख्या है, जिन पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होना है

अपडेटेड Apr 15, 2024 पर 3:02 PM
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UP Loksabha Chunav 2024: मुजफ्फरनगर में बीजेपी उम्मीदवार संजीव बालियान की नामांकन रैली में बड़ी संख्या में मुस्लिम मौजूद थे

UP Loksabha Chunav 2024: देवबंद में एक नाई की दुकान में मुसलमानों का एक समूह समाजवादी पार्टी-कांग्रेस उम्मीदवार और BSP को वोट देने के बीच बंटा हुआ है। हालांकि, उनमें से एक ने यह कहकर हमें हैरानी में डाल दिया कि वो BJP और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को वोट देगा। जब उस व्यक्ति से पूछा गया कि वो मोदी को वोट क्यों देगा, तो उसने News18 से कहा, "सब बढ़िया चल रहा है...शांति है, काम ठीक चल रहा है।" उनके बगल में बैठे एक और मुस्लिम व्यक्ति ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि "हमारे कुछ भाई" BJP को वोट दे सकते हैं, क्योंकि उन्हें योजनाओं का लाभ मिला है, लेकिन ज्यादातर मुस्लिम ऐसा नहीं करेंगे।

गंगा और यमुना दोनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP) से होकर बहती हैं और यहां के लोगों का कहना है कि यह इलाका अपनी 'गंगा-जमुनी तहजीब' (सांप्रदायिक सद्भाव) के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में कैराना, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, रामपुर और मोरादाबाद जैसी कई लोकसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की निर्णायक संख्या है, जिन पर 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के पहले चरण में मतदान होना है।

धीरे-धीरे BJP के पक्ष में आ रहे हैं मुस्लिम


News18 ने पिछले हफ्ते वेस्ट यूपी की यात्रा की और पाया कि जहां ज्यादातर मुस्लिम एसपी-कांग्रेस गठबंधन और कुछ BSP के पक्ष में हैं, वहीं मुस्लिम मतदाताओं का एक वर्ग धीरे-धीरे बीजेपी की ओर भी जा रहा है।

इनमें से कुछ ने सरकारी योजनाओं के लाभों और बेहतर कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला दिया, और कुछ ने यह भी पूछा कि बीजेपी का विरोध करने का क्या मतलब है, जो लखनऊ और दिल्ली दोनों में सत्ता में है।

सहारनपुर शहर में ताश खेल रहे लोगों के एक समूह ने News18 को बताया कि कुछ मुसलमान बीजेपी को वोट दे सकते हैं, क्योंकि उन्होंने विकास देखा है।

BJP ने बिना पक्षपात सभी तक पहुंचाई योजना

उनमें से एक ने कहा, “उनके मोहल्ले की सड़क अब मेरी तुलना में बेहतर है। वे भाजपा को वोट क्यों नहीं देंगे?” यहां बैठे सभी हिंदू थे और उन्होंने पूछा, सहारनपुर के एक गांव में मुसलमानों के एक गुट ने कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद की रैली में हिस्सा लिया, लेकिन ये भी माना कि उनमें से कुछ मुसलमान BJP को भी वोट दे सकते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि उन्हें मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है।"

News18 रामपुर पहुंचा जहां शफीक अहमद अंसारी सुआर विधानसभा सीट से विधायक हैं, जो उत्तर प्रदेश में NDA खेमे में एकमात्र मुस्लिम विधायक हैं। मुसलमानों का एक समूह BJP के रामपुर सांसद और उम्मीदवार घनश्याम सिंह लोधी से मिलने और उनके साथ सेल्फी लेने के लिए उनके कार्यालय पहुंचे।

सुआर में दो मुस्लिम दोस्तों ने News18 को बताया, “बीजेपी ने बिना किसी पक्षपात के सरकारी योजनाओं को सभी तक पहुंचाया है। बिना ज्यादा भागदौड़ किए मुझे उज्ज्वला और पीने के पानी का कनेक्शन मिल गया, जो भी लाभ देता है, लोग उसे वोट देते हैं।"

रामपुर में विपक्ष को क्यों दें वोट?

यहां एक और मुस्लिम व्यक्ति पूछता है कि रामपुर जैसी सीट पर विपक्षी उम्मीदवार को वोट देने का क्या मतलब है। मुरादाबाद में News18 ने गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दोनों रैलियों में कुछ मुसलमानों को भी देखा।

रामपुर में एक और मुस्लिम व्यक्ति ने पूछा, “हमारे सुआर विधायक बीजेपी से हैं। रामपुर से हमारे सांसद बीजेपी से हैं। लखनऊ और दिल्ली में सरकार बीजेपी की है, तो फिर रामपुर या सुअरार का विकास कौन करेगा? कोई भी आंख नहीं मूंद सकता।"

शाह की रैली में एक मुस्लिम व्यक्ति ने News18 को बताया, "कुछ मुस्लिम महिलाएं भी बीजेपी की ओर झुक रही हैं...वे कुछ साल पहले लाए गए तीन तलाक प्रतिबंध की सराहना करती हैं।"

उन्होंने बताया कि किस तरह इतिहास में पहली बार मुरादाबाद की पांच विधानसभा सीटों में से दो पर BJP सत्ता में थी। रैली में मौजूद व्यक्ति ने कहा, "ये कुछ मुस्लिम समर्थन के बिना संभव नहीं है।"

महिलाओं का क्या है कहना?

हालांकि, News18 ने पाया कि कई मुसलमान मीडिया कैमरों के सामने अपनी राजनीतिक पसंद जाहिर करने को तैयार नहीं थे और उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि वे चुनावों पर बोलना नहीं चाहते हैं।

मुरादाबाद की मेन मार्केट में अपने परिवार के साथ KFC में खाना खा रही एक युवा मुस्लिम लड़की ने कहा कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद अब इलाके में महिलाओं के लिए चीजें सुरक्षित हो गई हैं।

उन्होंने News18 को बताया, “मुझे बस यही उम्मीद है कि वे पश्चिमी यूपी में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर ज्यादा खर्च करेंगे। मैं MBBS की छात्र हूं और अस्पतालों की हालत देखी है, लेकिन सुरक्षा के मुद्दे पर मुझे बीजेपी से कोई शिकायत नहीं है...एक जबरदस्त बदलाव है।"

मुजफ्फरनगर में संजील बालियान की रैली में मुस्लिम

मुजफ्फरनगर में बीजेपी उम्मीदवार संजीव बालियान की नामांकन रैली में बड़ी संख्या में मुस्लिम मौजूद थे। बालियान ने News18 टीम की ओर इशारा करते हुए मुस्लिम व्यक्तियों के एक समूह से कहा, "देखिए, वे मुझसे पूछ रहे थे कि क्या मुसलमान मेरा समर्थन करेंगे।"

इन लोगों ने हमें बताया कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बालियान को वोट दिया था, क्योंकि पिछले 10 सालों से इस इलाके में शांति थी। बालियान कहते हैं, "2013 के सांप्रदायिक दंगों के घाव अब सभी के लिए ठीक हो गए हैं।"

क्या BSP की वजह से BJP की तरफ जा रहे मुसलमान?

कुछ मुसलमान अपने मोहभंग के लिए BSP को दोषी मानते हैं और शायद इसलिए बीजेपी में चले जाएंगे। देवबंद बाजार में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति ने कहा, “मुसलमान आज परेशान हैं, क्योंकि BSP ने हमारे लिए अपनी राजनीतिक भूमिका निभाना बंद कर दिया है। मायावती ने इतने सारे मुस्लिम उम्मीदवार क्यों उतारे और सपा से अपना गठबंधन क्यों तोड़ दिया? कुछ मुसलमान BJP को वोट दे सकते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वोटों के बंटवारे के कारण वो वैसे भी जीत जाएगी।"

इस तरह के किस्से इस सिद्धांत को उलटते नजर आते हैं कि मुसलमान हमेशा मजबूत विपक्षी पार्टी को वोट देते हैं, जो बीजेपी को हरा सकती है। साथ ही ये भी कहना पूरी तरह गलत होगा कि ज्यादातर मुस्लिम अभी भी पश्चिमी यूपी में विपक्षी दलों में से एक को वोट दे सकते हैं, क्योंकि कुछ का झुकाव बीजेपी की ओर भी होता दिख रहा है। इससे उत्तर प्रदेश में बीजेपी को लाभ मिल सकता है।

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