Credit Cards

UP Loksabha Election: मुरादाबाद में सपा की होगी वापसी या BSP बिगाड़ेगी BJP का भी खेल? वोट यात्रा में समझें वोटर के मन की बात

UP Loksabha Election- 2024: इस लोकसभा क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है। चर्चा में किंतु-परंतु भी हैं। इसमें धर्म का भी जिक्र है, जातियों की भी चर्चा हो रही है। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अपनी अलग धुन छेड़े हुए हैं कि BJP को केवल BSP ही हरा सकती हैं। तो क्या होगा इस चुनाव में...

अपडेटेड Apr 15, 2024 पर 6:15 AM
Story continues below Advertisement
UP Loksabha Election: मुरादाबाद में सपा की होगी वापसी या BSP बिगाड़ेगी BJP का भी खेल?

UP Loksabha Election 2024: मुरादाबाद रेलवे स्टेशन के बाहर एक चाय की छोटी सी दुकान में अखबार की एक-एक खबर पर नजर दौड़ाते चाय पी रहे दीनदयाल शर्मा कहते हैं कि मुरादाबाद लोकसभा सीट (Moradabad Lok Sabha Seat) पर समाजवादी पार्टी ने डॉ. एसटी हसन (ST Hasan) का टिकट काटकर रुचि वीरा (Ruchi Vira) को इसलिए दे दिया, जिससे हिंदुओं के वोट काटे जा सकें, लेकिन हिंदू वोट कटेगा नहीं। शहर के टाउन हॉल में रहने वाले शर्मा कहते हैं कि इस बार इस सीट में बदलाव हो जाएगा।

हालांकि, इसी शहर के मोहम्मद याकूब कहते हैं की मुसलमान धीरे-धीरे सपा की तरफ मुड़ रहा है। पहले लोग सपा से नाराज थे, क्योंकि एसटी हसन का टिकट काट कर उसने रुचि वीरा को दे दिया था। यह मुसलमानों को अच्छा नहीं लगा, लेकिन अब लोग साइकिल के पक्ष में जा रहे हैं और लग रहा है कि रुचि वीरा जीत जाएगी।

वास्तव में इस पीतल नगरी के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की अलग कहानी है और इस बार बहुत ही रोचक लड़ाई हो रही है। देश-विदेश में पीतल की चमक और उस पर होने वाली कारीगरी से विदेशों में भी मुरादाबाद का नाम रोशन है।


BJP को केवल BSP हरा सकती है!

इस लोकसभा क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है। चर्चा में किंतु-परंतु भी हैं। इसमें धर्म का भी जिक्र है, जातियों की भी चर्चा हो रही है। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अपनी अलग धुन छेड़े हुए हैं कि BJP को केवल BSP ही हरा सकती हैं। तो क्या होगा इस चुनाव में... क्या समाजवादी पार्टी अपनी सीट बचा ले जाएगी? फिलहाल उसे कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है और फिर भी यह तय नहीं कि सपा की सीट बचेगी या नहीं।

मुरादाबाद लोकसभा सीट पर टिकट बंटवारे की लड़ाई भी बहुत रोचक हुई। समाजवादी पार्टी ने आखिरकार रुचि वीरा को टिकट दिया। इस टिकट की भी एक अलग कहानी है। समाजवादी पार्टी ने अपने वर्तमान सांसद एसटी हसन को टिकट दे दिया था।

आजम ने सपा के सामने खड़ी कर दी दुविधा

उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया था, लेकिन सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान इस बात पर अड़ गए कि मुरादाबाद से रुचि वीरा को टिकट दिया जाए और रामपुर से अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ें। पार्टी के लिए बहुत ही दुविधा वाली स्थिति थी।

अखिलेश यादव ने पूरा प्रयास किया कि किसी तरह आजम खान को मना लिया जाए, लेकिन आजम खान नहीं माने और अंतिम समय तक जो खींचतान चलती रही। आखिर में टिकट रुचि वीरा को ही मिला और एसटी हसन ने अपना नामांकन वापस ले लिया।

रुचि वीरा बिजनौर की रहने वाली हैं। भारतीय जनता पार्टी से पुराने प्रत्याशी सर्वेश कुमार सिंह ही मैदान में उतरे हैं। जबकि बहुजन समाज पार्टी से ठाकुरद्वारा नगर पालिका के अध्यक्ष इरफान सैफी मैदान में हैं।

मुरादाबाद में एक नाय पेंच फंसा

इन सब के बीच एक नया पेंच भी है। वो है अजय यादव का चुनाव मैदान में उतरना। अजय यादव ठाकुरद्वारा के ही पूर्व विधायक विजय यादव के बेटे हैं और ठाकुरद्वारा क्षेत्र में उनका प्रभाव है। वो न सिर्फ मैदान में उतरे बल्कि पूरी ताकत भी लगाए हुए हैं।

इस बार पुराने आंकड़े इस चुनाव में फिट नहीं बैठ रहे हैं। पिछले चुनाव में डॉक्टर एसटी हसन ने बीजेपी के सर्वेश कुमार सिंह को लगभग 98 हजार वोटों से हरा दिया था, लेकिन इस बार स्थितियों में बदलाव है।

बहनी जी पर ही जाएगा दलित वोट

ठाकुरद्वारा के ही सुरेंद्र जाटव कहते हैं कि इस बार दलित वोट बहन जी की तरफ ही जाएगा। प्रत्याशी कोई भी खड़ा हो। जमीन पर देखने से ये साफ हो जाता है कि दलित मतदाताओं का बड़ा हिस्सा बहुजन समाज पार्टी की ओर जा रहा है।

मुरादाबाद के ही दीनानाथ कहते हैं कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि BSP का प्रत्याशी जीतता है या नहीं, लेकिन वोट BSP को ही जाएगा और यही बदलाव इस चुनाव में हर जोड़ घटाव को बदल देता है।

इस बार सपा को मिलेगा दूसरे वर्ग का वोट?

पिछले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का वोट सपा के साथ गया था, क्योंकि चुनावी गठजोड़ था। यही नहीं जाट मतदाताओं का एक हिस्सा भी सपा के साथ गया था, लेकिन इस बार सपा को मुस्लिम वोट तो मिल रहा है, लेकिन दूसरे किसी वर्ग का वोट कितना मिल रहा है, इसे लेकर हर गली नुक्कड़ में बहस जारी है।

मुरादाबाद के ही कचहरी के बाहर इस बात पर बहस छिड़ी है कि सपा प्रत्याशी रुचि वीरा के पक्ष में वैश्य वोट जाएगा या नहीं। रुचि वीरा वैश्य समुदाय से आती हैं और मुरादाबाद में इस समुदाय का वोट भी बहुत है, लेकिन मुरादाबाद के ही देवेंद्र अग्रवाल कहते हैं कि वैश्य समुदाय का ज्यादा वोट बीजेपी को जा रहा है। वो फिलहाल सपा की ओर नहीं है।

इस समीकरण से गणित सीधा-सीधा है कि अगर वैश्य वोट सपा को नहीं मिला, तो सपा का जीतना मुश्किल हो जाएगा। फिलहाल सपा की चिंता भी यही है।

BJP के सामने कितनी परेशानियां?

बीजेपी के सामने भी कम परेशानियां नहीं है। उसे अपने समर्थकों को एकजुट करना होगा और यही मुश्किल चुनौती है। बीजेपी के सामने सबसे बड़ा संकट अपने मतदाताओं को एकजुट कर उन्हें पोलिंग बूथ तक ले जाने की है। सर्वेश कुमार सिंह की छवि दबंग नेता की है और इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं।

दिलचस तथ्य यह है कि सर्वेश कुमार सिंह मुसलमान के एक वर्ग में भी लोकप्रिय हैं। पार्टी नेता इस बात के लिए परेशान हैं कि कैसे वोटिंग प्रतिशत बढ़ाकर परिणाम को बदला जा सके। इस मुस्लिम बहुल सीट पर सपा-बसपा और कांग्रेस भी जीतती रही हैं।

कांग्रेस के टिकट पर जीते थे अजहरुद्दीन

कांग्रेस के ही टिकट पर इस सीट से भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन की चुनाव जीते थे। बीजेपी के लिए यह सीट हमेशा चुनौती पूर्ण रही है। 2014 में इस सीट पर बीजेपी से सर्वेश कुमार सिंह चुनाव जीते थे। मुस्लिम आबादी यहां पर लगभग 35 से 40 प्रतिशत के बीच है और यह वोट अभी भी भाजपा के साथ नहीं जाता।

मुरादाबाद स्टेशन के बाहर एक चाय की दुकान लगाए सोनल चौहान कहती हैं कि मोदी और योगी ने उनके लिए कुछ नहीं किया। उन्हें मकान नहीं मिला है, लेकिन वह बीजेपी की वोट देंगी, क्योंकि अब गुंडे मवाली उनकी दुकान में आकर नहीं बैठते और न ही मुफ्तखोरी करते हैं।

जहां तक BSP का सवाल है, तो उसका का वोट पार्टी के खाते में जा रहा है। BSP के नेता यह प्रयास कर रहे हैं कि मुस्लिम वोटों का एक हिस्सा उनके पक्ष में भी जाए। लेकिन ठाकुरद्वारा को छोड़कर यह कहीं दिखता नहीं है।

त्रिकोणीय लड़ाई, लेकिन चुनौतियां सबके सामने

फिलहाल यही लग रहा है की ये चुनाव त्रिकोणीय तो है, लेकिन बसपा की चुनौतियां कहीं ज्यादा बड़ी हैं। जिस मुस्लिम वोट के कारण मुस्लिम प्रत्याशी उतारा गया था वो अपने मकसद में कामयाब होता नहीं दिख रहा है।

बीजेपी इस बात पर नजर गड़ाए है कि क्या बसपा को मुस्लिम वोट मिलेगा या नहीं। बसपा के ही एक नेता मोहम्मद शाहिद कहते हैं कि दलित वोट पूरा मिल रहा है और अगर मुस्लिम वोट बसपा के पाले में आ जाए, तो BJP आसानी से चुनाव हार जाएगी। नहीं तो बीजेपी को कोई हरा नहीं सकता।

सपा में दम नहीं कि वो बीजेपी को हरा दे। पिछले चुनाव में सपा इसलिए जीत गई थी, क्योंकि BSP का वोट समाजवादी पार्टी के पाले में चला गया था। इस बार नहीं जाएगा। अब यह समय बताएगा कि मुस्लिम वोट BSP के साथ जाता है या नहीं।

UP Loksabha Election: एक सीट, दो उम्मीदवार! मुरादाबाद सीट पर फैला रायता, क्यों नहीं समेटना नहीं चाहते अखिलेश?

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।