Meerut Loksabha Seat: बीजेपी का गढ़ रही मेरठ लोकसभा सीट, इस बार रामायण के 'राम' का SP-BSP कैसे करेंगी मुकाबला
Meerut Lok Sabha Seat: 2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार मेरठ संसदीय सीट पर कुल मतदाता 1888376 थे। तब यहां करीब 2006 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में मेरठ सीट पर 64% मतदान हुआ था। भारतीय जनता पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) में अपने मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट कर, टीवी कलाकर अरुण गोविल को मैदान में उतारा है
Meerut Loksabha Seat: बीजेपी का गढ़ रही मेरठ लोकसभा सीट, इस बार रामायण के 'राम' के सामने SP-BSP कैसी करेगी मुकाबला
Meerut Lok Sabha Seat: मेरठ उत्तर प्रदेश का वो शहर, जहां से सन 1857 में आजादी की चंगारी भड़की। ये छावनी शहर अपने आप में एक लंबा चौड़ा इतिहास समेटे हुए है, लेकिन आज हम मेरठ लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास से रुबरू होंगे। ये सीट फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के राजेंद्र आग्रवाल के पास है। मेरठ शुरुआत से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का केंद्र रहा है। मेरठ जिले के भीतर शहरी और उससे कहीं ज्यादा ग्रामीण इलाके आते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को गन्ना बेल्ट के तौर पर जाना जाता है और मेरठ इसका एक बड़ा जिला है, तो जाहिर है यहां खेती-बाड़ी और गन्ने की पैदावार काफी ज्यादा होती है।
1952 से पहले गठित उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक, मेरठ लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें से एक SC वर्ग के लिए रिजर्व है। इसमें मेरठ जिला शामिल है, जो मेरठ डिवीजन के अंतर्गत आता है और 2,522 वर्ग Km के क्षेत्र को कवर करता है। शहर मुजफ्फरनगर जिले के दक्षिण में स्थित है और इसके पश्चिम में गंगा नदी बहती है।
चुनाव आयोग की 2009 की रिपोर्ट से पता चलता है कि मेरठ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 10) में कुल मतदाताओं की संख्या 1,508,788 है। इनमें से 822,518 मतदाता पुरुष हैं और बाकी 686,270 महिला वर्ग से हैं। यह देश का 94वां सबसे घनी आबादी वाला जिला है।
इस बार मैदान में टीवी के राम
भारतीय जनता पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) में अपने मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट कर, टीवी कलाकर अरुण गोविल को मैदान में उतारा है। अरुण गोविल रामानंद सागर के धारावाहिक 'रामायण' में भगवान राम का किरदार निभाने के बाद से काफी पॉपुलर हुए।
दूसरी तरफ I.N.D.I.A. गठबंधन में ये सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई है। यहां से सपा अब तक दो बार उम्मीदवार बदल चुकी है। मेरठ से सपा ने पहले सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील भानु प्रताप को अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, बाद में यहां से सरधना विधायक अतुल प्रधान को टिकट दिया।
उधर अतुल प्रधान नामांकन भर कर आए, तो पता चला पार्टी ने उनकी जगह, पूर्व मेयर सुनीता वर्मा को पार्टी का सिंबल दे दिया है। सुनिता पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी हैं।
मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने मेरठ लोकसभा सीट से देवव्रत त्यागी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
मेरठ लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास
देश में पहली बार 1952 में आम चुनाव हुए हैं, लेकिन तब मेरठ सिर्फ एक लोकसभा सीट नहीं थी, बल्कि इसे लोकसभा क्षेत्रों में बांटा गया था- मेरठ जिला (पश्चिम), मेरठ जिला (दक्षिण), मेरठ जिला (उत्तर पूर्व)। तब पश्चिम सीट से कांग्रेस के खुशी राम शर्मा, दक्षिण सीट से कांग्रेस के कृष्णचंद्र शर्मा और उत्तर-पूर्व सीट से कांग्रेस के शाहनवाज खान ने ये चुनाव जीता था। हालांकि, 1957 में तीनों सीटों को मिलाकर एक लोकसभा सीट बना दी गई।
आपको नीचे दिए टेबल में मिल जाएगा कि कब-कब किस पार्टी के उम्मीदवार ने मेरठ लोकसभा सीट पर जीत हासिल की, कितने वोटों से जीते और क्या वोट प्रतिशत रहा।
साल
पार्टी
विजेता उम्मीदवार
वोट
2019
BJP
राजेंद्र अग्रवाल
586184
2014
BJP
राजेंद्र अग्रवाल
532981
2009
BJP
राजेंद्र अग्रवाल
232137
2004
BSP
मोहम्मद शाहिद
252518
1999
कांग्रेस
अवतार सिंह भड़ाना
258456
1998
BJP
अमर पाल सिंह
319168
1996
BJP
अमर पाल सिंह
310732
1989
जनता दल
हरीश पाल
312856
1984
कांग्रेस
मोहसिना किदवई
238236
1980
कांग्रेस (I)
मोहसिना किदवई
179004
1977
BLD
कैलाश प्रकाश
253035
1971
कांग्रेस
शाह नवाज खान
180181
मेरठ संसदीय सीट पर SC मतदाताओं की संख्या लगभग 366,345 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 19.4% है। जबकि ST मतदाता लगभग 1,888 हैं, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 0.1% है।
मेरठ संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 534,410 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 28.3% है। जबकि शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 1,353,966 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 71.7% है।