UP Loksabha Election: 'मुस्लिम-यादव' समीकरण से बाहर निकली सपा, इस बार इन जातियों पर खेला दांव, बीजेपी की बढ़ी बेचैनी

UP Loksabha Election 2024: समाजवाद पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश में नया सोशल इंजीनियरिंग करती दिख रही है। पार्टी ने अपने पारंपरिक 'मुस्लिम और यादव' वोटबैंक को छोड़कर इस बार कुर्मी और दूसरी गैर-यादव ओबीसी जातियों पर बड़ा दांव लगाया है। यहां तक कि बसपा के कोर वोटबैंक माने जाने वाले जाटव समाज को भी इस बार सपा से मजबूती से सांधने में लगी है

अपडेटेड May 11, 2024 पर 11:57 AM
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UP Loksabha Election 2024: समाजवादी पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही है

UP Loksabha Election 2024: समाजवाद पार्टी (Samajwadi Party) इस बार उत्तर प्रदेश में नया सोशल इंजीनियरिंग करती दिख रही है। पार्टी ने अपने पारंपरिक 'मुस्लिम और यादव' वोटबैंक को छोड़कर इस बार कुर्मी और दूसरी गैर-यादव ओबीसी जातियों पर बड़ा दांव लगाया है। यहां तक कि बसपा के कोर वोटबैंक माने जाने वाले जाटव समाज को भी इस बार सपा से मजबूती से सांधने में लगी है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के इस टिकट वितरण ने कई सीटों पर सत्ताधारी पार्टी की बेचैनी को बढ़ा दिया है।

समाजवादी पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं उसने 17 सीट कांग्रेस को और एक सीट तृ्णमूल कांग्रेस को दी है। सपा ने इन 62 में से 61 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। वहीं रॉबर्ट्सगंज सीट पर पार्टी ने अभी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। लेकिन चूंकि यह सीट दलित प्रत्याशी के लिए आरक्षित हैं, ऐसे में पार्टी का यहां से कैंडिडेट एक दलित ही होगा।

इस तरह देखें तो समाजवादी पार्टी ने इस बार सबसे अधिक 17 सीटें दलित उम्मीदवारों को दी हैं। इसमें से 16 सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं, जबकि रॉबर्ट्सगंज में अभी उम्मीदवार उतारना बाकी है। इस 17 में से 6 उम्मीदवार जाटव समाज के है, जिन्हें मायावती की अगुआई वाली बसपा पार्टी का कोर वोट बैंक माना जाता है। यह बताता है कि इस बार अखिलेश यादव बसपा के वोट बैंक में अच्छी खासी सेंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं।


वहीं पार्टी ने दूसरा सबसे अधिक टिकट कुर्मी और पटेल उम्मीदवारों को दिया है। सपा ने इस बार कुल 10 कुर्मी और पटेल उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इससे पहले 2019 में सपा ने अपने खाते की 37 सीटों में से सिर्फ 3 सीट कुर्मी और पटेल को दिए थे। अखिलेश यादव ने इस दांव से गैर-यादव ओबीसी वर्ग में सपा का आधार बढ़ाने की कोशिश की है। बता दें कि ओबीसी वर्ग में यादव के बाद कु्र्मी को सबसे बड़ा वोटबैंक माना जाता है।

वहीं सपा ने अपने पारंपरिक 'मुस्लिम और यादव' वोटबैंक को इस बार सिर्फ 9 सीटें दी हैं। इसमें भी यादव को 5 सीटें मिली हैं। खासबात यह है कि ये सभी पांच, अखिलेश यादव के परिवार के सदस्य हैं। अखिलेश ने अपने परिवार के बाहर इस बार किसी भी यादव को टिकट नहीं दिया है। दूसरी ओर मुस्लिम को सपा ने इस बार सिर्फ 4 सीटें दी हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का यह दांव कितना सफल होगा, यह तो 4 जून को नतीजे आने पर ही पता चलेगा। हालांकि इतना जरूर है कि उनके इस नए समाजिक समीकरण ने कई सीटों पर सत्ताधारी पार्टी की नींद उड़ा दी है।

सपा ने उत्तर प्रदेश में किस जाति के कितने उम्मीदवार उतारे हैं, इसे आप नीचे देख सकते हैं-

दलित 17
कुर्मी-पटेल 10
कुशवाहा-शाक्य-सैनी 6
यादव 5
मुस्लिम 4
ब्राह्मण 4
क्षत्रिय 3
निषाद व बिंद 3
जाट 2
गुर्जर 1
राजभर 1
पाल 1
लोधी 1
भूमिहार 1
वैश्य 1
अन्य 2

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