लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) के बीच कांग्रेस के सीनियर नेता सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के एक बयान पर बवाल मच गया। दरअसल, पित्रोदा ने 24 अप्रैल को इनहेरिटेंस टैक्स (Inheritance Tax) की वकालत की। फिर, उनका विरोध शुरू हो गया। इनहेरिटेंस टैक्स क्या है, इंडिया में अगर यह लगता है तो इसका असर पड़ेगा, पित्रोदा ने अपने बयान में क्या कहा? आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं।
सैम पित्रोदा ने क्या कहा?
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन पित्रोदा ने कहा, "अगर किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। मौत होने पर वह अपने बच्चों को सिर्फ 45 फीसदी संपत्ति ट्रांसफर कर सकता है। 55 फीसदी संपत्ति सरकार ले लेती है। यह एक अच्छा कानून है। यह कहता है कि अपनी पीढ़ी में आपने संपत्ति बनाई और अब आप दुनिया से विदा ले रहे हैं तो आपको अपनी संपत्ति पब्लिक के लिए छोड़ देनी चाहिए। पूरी नहीं, सिर्फ आधा। मुझे यह आइडिया अच्छा लगता है।"
उन्होंने कहा कि इंडिया में यह कानून नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर किसी के पास 10 अरब रुपये हैं और अगर उसकी मौत हो जाती है तो उसके बच्चों को 10 अरब रुपये मिलते हैं। और पब्लिक को कुछ नहीं मिलता है...इसलिए यह एक ऐसा मसला है जिस पर बहस और चर्चा होनी चाहिए। मैं नहीं जानता कि इसका अंजाम क्या होगा लेकिन हमारा मतलब संपत्ति के बंटवारे से है। हम नई पॉलिसी और नए प्रोग्राम की बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में है और जो सिर्फ बहुत अमीर लोगों के हित में नहीं है।"
पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने साधा निशाना
पित्रोदा के बयान से संपत्ति के बंटवारे को लेकर चल रही बहस को नया ईंधन मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खतरनाक इरादे एक बार फिर सामने आ गए हैं। पीएम ने LIC की मशहूर टैगलाइन का इस्तेमाल करते हुए कहा कि कांग्रेस का सिद्धांत है, "कांग्रेस की लूट, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी।"
इनहेरिटेंस टैक्स क्या है?
अमेरिकी में इनहेरिटेंस टैक्स पर कोई संघीय कानून नहीं है। हालांकि कई राज्य दो तरह के टैक्स लगाते हैं: इनहेरिटेंस टैक्स और एस्टेट टैक्स। एस्टेट टैक्स मरने वाले व्यक्ति की एस्टेट की कुल वैल्यू पर लगाया जाता है। इनहेरिटेंस टैक्स ऐसे लोगों पर लगाया जाता है जिन्हें अपने पूर्वज से एसेट्स या सपंत्ति उत्तराधिकार में मिलती है।
इसका कैलकुलेशन कैसे होता है?
इनहेरिटेंस टैक्स सिर्फ विरासत में मिली संपत्ति के एक हिस्से पर लाग होता है। वह भी तब जब इस संपत्ति की वैल्यू एक सीमा से अधिक होती है। 10 लाख डॉलर की वैल्यू तक की संपत्ति को इस टैक्स से छूट हासिल है। इसके ऊपर की संपत्ति पर टैक्स के रेट्स 1 फीसदी से लेकर 18 फीसदी तक है। इनवेस्टोपीडिया की एक आर्टिकल के मुताबिक अमेरिका के छह राज्यों में अगर मरने वाले व्यक्ति की पत्नी जीवित है तो उसे इनहेरिटेंस टैक्स से छूट मिलती है।
क्या इंडिया में कभी इनहेरिटेंस टैक्स था?
इडिया में इनहेरिटेंस टैक्स को 1985 में खत्म कर दिया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने इसे खत्म किया था। जब यह कानून लागू था तब किसी व्यक्ति की मौत पर उसके बच्चों या नाती-पोतों को ट्रांसफर होने वाली संपत्ति या प्रॉपर्टी पर यह टैक्स लगता था। एस्टेट ड्यूटी एक्ट, 1953 के तहत विरासत में मिली संपत्ति की वैल्यू की 85 फीसदी तक एस्टेट ड्यूटी लगती थी।
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कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से बनाई दूरी
कांग्रेस ने पित्रोदो के बयान पर हंगामा बढ़ता देख इससे खुद को अलग कर लिया। उसने कहा कि इस मामले में पित्रोदा का बयान उनकी व्यक्तिगत राय है। यह कांग्रेस की राय को व्यक्त नहीं करती है। इस बारे में कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया। उन्होंने इसमें कहा कि पित्रोदा कई मसलों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते हैं। लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी राय रखने का अधिकार है। इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा की राय हमेशा कांग्रेस की राय होती है।