Defence Stocks: भारतीय डिफेंस सेक्टर ने पिछले तीन सालों में कई मल्टीबैगर्स स्टॉक दिए हैं। इन स्टॉक्स का भाव सितंबर 2022 से जुलाई 2024 के बीच 3 से 10 गुना तक बढ़ते देखा गया, जिससे निवेशकों को खूब मुनाफा हुआ। हालांकि जुलाई 2024 के बाद से इन शेयरों में मुनाफावसूली शुरू हो गई। NSE डिफेंस इंडेक्स जुलाई 2024 के बाद से अब तक करीब 21 फीसदी गिर चुका है। कई शेयरों का भाव तो अपने शिखर से करीब 50 फीसदी तक नीचे आ गया है। हालांकि ब्रोकरेज फर्म एंटीक रिसर्च का कहना है कि हालिया गिरावट के बाद अब इन डिफेंस शेयरों का भाव आकर्षक हो गया है।
ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि भारतीय डिफेंस सेक्टर की ग्रोथ संभावनाएं कमजोर नहीं हुई है; बल्कि, मजबूत अर्निंग्स संभावनाों के साथ इनका आउटलुक और बेहतर हुआ है। ब्रोकरेज ने कहा कि डिफेंस कंपनियों की अर्निंग्स अनुमान को देखते हुए उनके मौजूदा मूल्यांकन कहीं से गलत नहीं हैं। इसके अलावा, हालिया गिरावट अब इन डिफेंस शेयरों को पोर्टफोलियो में जमा करने का एक और शानदार मौका दे रहा है।
एंटीक रिसर्च ने कहा कि डिफेंस सेक्टर में उसके पंसदीदा शेयरों में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), भारत डायनेमिक्स (Bharat Dynamics), मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) और पीटीसी इंडस्ट्रीज (PTC Industries) शामिल हैं।
ब्रोकरेज ने कहा कि डिफेंस सेक्टर में आमतौर पर सरकारी कंपनियों पर अधिक फोकस होता है क्योंकि उनका साइज और टेक्नोलॉजी रेंज काफी बढ़ा है। हालांकि अब इस प्राइवेट कंपनियां भी इस सेक्टर में तेजी से उभर रही हैं, जो भारी निवेश के अवसर उपलब्ध करा सकती है।
एंटीक रिसर्च ने कहा, "सबसे अहम बात यह है कि डिफेंस सेक्टर में बड़ी संख्या में ऐसी कंपनियां हैं, जो अभी शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं हैं, लेकिन उनके पास अनूठी तकनीक और क्षमताएं हैं। यह ऐसा सेक्टर है जो भविष्य में काफी रोमांचक होगा। हम HAL, BEL, भारत डायनेमिक्स और मझगांव डॉक्स (शुद्ध रूप से डिफेंस PSU) और PTC इंडस्ट्रीज (टाइटेनियम और सुपर एलॉयज प्रेसिजन इंजीनियरिंग में उभरती ग्लोबल कंपनी) पर खरीदारी की सलाह देते हैं।"
ब्रोकरेज ने कहा कि कुछ डिफेंस कंपनियों ने बड़े टिकट साइज वाले उत्पादों पर ध्यान दिया है। इनमें हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, हल्के लड़ाकू विमान Mk 1A, और Su-30 MKI विमान का अपग्रेडेड वर्जन शामिल है। इनकी कुल कीमत ₹2.2 लाख करोड़ है, जिसके कारण इन कंपनियों की ग्रोथ तेज रही है। इसमें यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 में घरेलू रक्षा उत्पादन ₹1.3 लाख करोड़ से अधिक था, जिसके वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर ₹1.8 लाख करोड़ हो जाने की उम्मीद है।
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