सेबी के एक डिवीजन की तरफ आए एक स्टडी रिपोर्ट के नतीजे युवा और डिजिटल सैवी ट्रेडरों को इक्विटी F&O सेगमेंट में दांव लगाने को पहले 10 बार सोचने को मजबूर कर सकती है। सेबी के इकोनॉमिक और पॉलिसी एनालिसिस विभाग ने 25 जनवरी को अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें इक्विटी F&O सेगमेंट में व्यक्तिगत निवेशकों के ट्रेडिंग पैटर्न और प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट की विश्लेषण किया गया है। इस स्टडी के लिए इस्तेमाल किए गए आंकड़े देश के टॉप टेन ब्रोकरों से लिए गए हैं। इस स्टडी में व्यक्तिगत निवेशकों और एक्टिव ट्रेडरों क अलग-अलग रखा गया है।
व्यक्तिगत निवेशकों में HUFs औप NRIs को रखा गया है। जबकि प्रोपराइटरी ट्रेडरों (proprietary traders),संस्थाओं और पाटर्नरशिप फर्म्स इसमें शामिल नहीं हैं। एक्टिव ट्रेडर्स में वे ट्रेडर शामिल हैं जिन्होंने इक्विटी F&O सेगमेंट में साल में 5 बार से ज्यादा ट्रेड किया है।
हर 10 में से 9 इंडिविजुअल ट्रेडर को औसतन 1.1 लाख रुपए का घाटा
इस स्टडी के नतीजे युवा निवेशकों को ट्रेडिंग से विमुख होकर लंबी अवधि के निवेश के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इस स्टडी से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022 के दौरान F&O सेगमेंट में 89 फीसदी यानी हर 10 में से 9 इंडिविजुअल ट्रेडर को औसतन 1.1 लाख रुपए का घाटा हुआ है। दूसरी तरफ 90 फीसदी एक्टिव ट्रेडर्स को इसी अवधि के दौरान औसतन 1.25 लाख रुपये का घाटा हुआ है।
इक्विटी F&O सेगमेंट में केवल 11 फीसदी व्यक्तिगत ट्रेडरों मुनाफा कमाया
इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि FY22 के दौरान, इक्विटी F&O सेगमेंट में केवल 11 फीसदी व्यक्तिगत ट्रेडरों मुनाफा कमाया है। इनका औसत मुनाफा 1.5 लाख रुपए रहा है। वहीं, एक्टिव ट्रेडरों की बात करें तो इस अवधि में 10 फीसदी एक्टिव ट्रेडरों को मुनाफा हुआ है। इस अवधि में इनका औसत मुनाफा 1.9 लाख रुपए रहा है।
कोलकाता सिटी ऑफ ज्वाय के साथ ही सिटी ऑफ लॉसेज भी रहा
इस स्टडी से ये भी निकल कर आया है कि सिटी ऑफ ज्वाय (खुशियों का शहर) कहा जाने वाला कोलकाता F&O सेगमेंट में हुए घाटे के चलते सिटी ऑफ लॉस (घाटे का शहर) भी बनकर उभरा है। एक तरफ तो सभी सेगमेंट्स में सबसे ज्यादा औसत मुनाफा कोलकाता के ट्रेडरों ने हासिल किया है। दूसरी तरफ सभी सेगमेंट में घाटा उठाने वाले ट्रेडरों का औसत घटा भी कोलकाता के ट्रेडरों का ही रहा है। हालांकि इसमें इंडेक्स ऑप्शन शामिल नहीं है।