Adani Group की कंपनियों की निगरानी कर रही Icra, Hindenburg की रिपोर्ट का दिख रहा असर

Hindenburg impact on Adani Group : अरबों डॉलर के अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेस ने 1 फरवरी को ही अपने 20 हजार करोड़ रुपये के FPO को वापस लेने का ऐलान किया है। अडानी ग्रुप को इन दिनों अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिंडेनबर्ग रिसर्च  की तरफ से “स्टॉक मार्केट में हेराफेरी” और “अकाउंटिंग फ्रॉड” के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है

अपडेटेड Feb 02, 2023 पर 8:42 AM
Story continues below Advertisement
Adani group : इकरा ने कहा कि इकरा से रेटिंग हासिल कर चुकी अडानी ग्रुप की कंपनियों को तत्काल रिफाइनेंसिंग की जरूरत नहीं है। कुछ कंपनियों को संभवतः वित्त वर्ष 25 तक इसकी जरूरत नहीं है

Hindenburg impact on Adani group : घरेलू रेटिंग एजेंसी इकरा (Icra) अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों और उसके अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट्स की निगरानी कर रही है। इकरा ने 1 फरवरी को जारी एक बयान में कहा कि रेटिंग एजेंसी अडानी ग्रुप की कंपनियों के रेटेड पोर्टफोलियो विशेषकर ग्रुप के वित्तीय लचीलेपन के साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार और बैंकिंग चैनलों तक उसकी पहुंच, कर्ज का मूल्य निर्धारण, कर्ज अनुबंधों में सख्ती, डेट फैसिलिटीज को वापस लेना या बढ़ाना और रिफाइनेंसिंग से जुड़े घटनाक्रमों की निगरानी कर रही है।

अडानी ने वापस लिया एफपीओ

अरबों डॉलर के अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेस (Adani Enterprises) ने 1 फरवरी को ही पिछले हफ्ते लॉन्च अपने 20 हजार करोड़ रुपये के FPO को वापस लेने का ऐलान किया है। अडानी ग्रुप को इन दिनों अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिंडेनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की तरफ से “स्टॉक मार्केट में हेराफेरी” और “अकाउंटिंग फ्रॉड” के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। हिंडेनबर्ग ने 24 जनवरी को यह रिपोर्ट जारी की थी।


Adani FPO : अडानी ग्रुप के लिए ऐसे बिगड़ते गए हालात, जानिए कितने भारी पड़े ये 8 दिन

रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों का मूल्य लगभग एक तिहाई कम हो चुका है।

ग्रुप कंपनियों को तत्काल रिफाइनेंसिंग की जरूरत नहीं

इकरा ने कहा, “इकरा से रेटिंग हासिल कर चुकी अडानी ग्रुप की कंपनियों को तत्काल रिफाइनेंसिंग की जरूरत नहीं है। कुछ कंपनियों को संभवतः वित्त वर्ष 25 तक इसकी जरूरत नहीं है।”

एजेंसी ने कहा कि अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (Adani Transmission Ltd) के लंबी अवधि के कॉन्ट्रैक्ट, अडानी पोर्ट्स (Adani Ports) के लिए मार्केट पर वर्चस्व वाली स्थिति और लंबी अवधि के कॉन्ट्रैक्ट और अडानी टोटल गैस () के लिए अनुकूल हालात के चलते इन कंपनियों को लंबी अवधि में कैश फ्लो बने रहने की संभावना नजर आती है।

बजट 2023 : वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम में किए बड़े बदलाव, क्या अब यह ओल्ड रिजीम से ज्यादा अट्रैक्टिव हो गई है?

भले ही, ग्रुप कंपनियों का बड़ा कर्ज आधारित कैपेक्स प्रोग्राम एक चिंता की वजह बना हुआ है लेकिन कुछ प्रस्तावित कैपेक्स गैर जरूरी है और इसे लिक्विडिटी की स्थिति के आधार पर टाला जा सकता है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।