Afcons Infra IPO Listing: शपूरजी पालूनजी ग्रुप की इंफ्रा इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी एफकॉन्स इंफ्रा के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में 8 फीसदी डिस्काउंट पर एंट्री हुई। हालांकि लिस्टिंग के बाद शेयर ऊपर चढ़े लेकिन आईपीओ निवेशक अब भी घाटे में हैं। आईपीओ की बात करें तो इसे मिला-जुला रिस्पांस मिला था और खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्सा तो पूरा भर भी नहीं पाया था। आईपीओ के तहत 463 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 430.05 रुपये और NSE पर 426.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला बल्कि लिस्टिंग पर उनकी पूंजी करीब 8 फीसदी घट गई।
लिस्टिंग के बाद शेयर ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह 479.25 रुपये (Afcons Infra Share Price) पर पहुंच गया। दिन के आखिरी में यह 474.55 रुपये पर बंद हुआ है यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 3.51 फीसदी मुनाफे में हैं। एंप्लॉयीज अधिक मुनाफे में हैं क्योंकि उन्हें हर शेयर 44 रुपये के डिस्काउंट पर मिला है।
Afcons Infra IPO को मिला था अच्छा रिस्पांस
एफकॉन्स इंफ्रा का ₹5,430.00 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 25-29 अक्टूबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 2.77 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 3.99 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 5.31 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 0.99 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 1.77 गुना भरा था।
इस आईपीओ के तहत 1,250.00 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 9,02,80,778 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट की खरीदारी, कर्ज चुकाने, नई मशीनरी खरीदने, लॉन्ग टर्म वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
वर्ष 1959 में बनी शपूरजी पालोनजी ग्रुप की कंपनी एफकॉन्स इंफ्रा एक इंफ्रा इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी है। सितंबर 2023 तक इसने 15 देशों में 52.2 हजार करोड़ रुपये के 76 प्रोजेकेट्स पूरे किए हैं। सितंबर 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक अभी इसके पास 13 देशों में 34.9 हजार करोड़ रुपये के 67 प्रोजेक्ट्स हैं। इसका कारोबार एशिया, अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में फैला हुआ है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 357.61 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 410.86 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 449.76 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 10 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 13,646.88 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में इसे 91.59 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 3,213.47 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।