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Air India bid: कैसे आसमान से गिरे महाराजा, जानिये कुछ प्रमुख बातें

साल 1953 में एयर कॉर्पोरेशन एक्ट अस्तित्व में आया

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 02, 2021 पर 12:44 PM
Air India bid: कैसे आसमान से गिरे महाराजा, जानिये कुछ प्रमुख बातें

एयर इंडिया (Air India (AI) को उद्योगपति जेआरडी टाटा (JRD Tata) ने शुरू किया था और इसने 1948 में अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरी थी। इसके बाद सन 1953 में एयर कॉर्पोरेशन एक्ट (Air Corporation Act) अस्तित्व में आया और दो एयरलाइंस-एयर इंडिया इंटरनेशनल (Air India International) और इंडियन एयरलाइंस कॉरपोरेशन (Indian Airlines Corporation(IAC), इंडियन एयरलाइंस के अग्रदूत बने। उस समय ये निर्णय किया गया कि एयर इंडिया अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान भरेगी जबकि IAC घरेलू मार्गों पर उड़ान भरेगी।

इसके बाद के वर्षो में AI ने अपने बेड़े में कई और विमान शामिल किए और दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में उड़ानें  शुरू कर दी। AI को 1960 के दशक की शुरुआत में बोइंग 707 विमान उड़ाने वाली एशिया की पहली एयरलाइन होने का गौरव भी प्राप्त है।

अपने सुनहरे दिनों में एयर इंडिया ने भारत के ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य करके भारत को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित कर दिया। स्वीडन के राजा और रानी ने इससे उड़ान भरी और 1964 में भारत की यात्रा के दौरान पोप पॉल VI ने भी महाराजा का उपयोग अपनी उड़ान के लिए किया।

पिछले साल कोरोना संकट के दौरान चीन के वुहान में अटके हुए भारतीयों को एयर इंडिया ने एयरलिफ्ट किया और इसके पहले इराक और कुवैत विवाद में भी करीब 150000 भारतीयों को एयरलिफ्ट करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जो कि गिनीज बुक में भी दर्ज है।

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एयर इंडिया के महाराजा की गिरने की शुरुआत

सन 2007 में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का एयर इंडिया में विलय होने से एयर इंडिया का संकट बढ़ना शुरू हो गया था। विलय से पहले के वर्ष में एयर इंडिया ने 14.94 करोड़ रुपये का मामूली लाभ दर्ज किया जबकि इंडियन एयरलाइंस का लाभ 49.50 करोड़ रुपये रहा था। 1997-98 में जहां एयर इंडिया को 181.01 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, वहीं इंडियन एयरलाइंस ने 47.27 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।

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