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पाकिस्तान, श्रीलंका में दरों में बढ़ोतरी की घोषणा आज, महंगाई और कर्ज के दंश को तौलते हुए हो सकता फैसला

पाकिस्तान पर ब्लूमबर्ग द्वारा किये गये सर्वेक्षण में 37 अर्थशास्त्रियों में से 24 ने पाकिस्तान के लिए 100-300 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोत्तरी की उम्मीद जताई है। इसमें से तीन ने सोमवार के टारगेट रेट को बनाये रखने का अनुमान लगाया है। स्थानीय समयानुसार शाम 4 बजे के आसपास स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा इस बारे में फैसला किये जाने की उम्मीद है

अपडेटेड Apr 04, 2023 पर 10:14 AM
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श्रीलंका में आठ में से सात अर्थशास्त्रियों को सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका कोलंबो द्वारा स्टैंडिंग लेंडिंग फैसिलिटी रेट 16.5 प्रतिशत पर बनाए रखने की उम्मीद है

पाकिस्तान और श्रीलंका की दशकों की उच्च उधारी लागत मंगलवार को सुर्खियों में रहेगी। इसकी वजह ये है कि उच्च मुद्रास्फीति और कर्ज की समस्या बनी हुई है। पाकिस्तान और श्रीलंका में मौद्रिक स्थितियां इस समय पहले से ही दशकों - क्रमशः 25 साल और 21 साल में सबसे सख्त नजर आ रही हैं। कर्ज संकट और फंडिंग संकट की वजह से एशिया की सबसे तेज मुद्रास्फीति दर पर लगाम लगाने के लिए ये सख्त की गई हैं। कीमतों पर अड़ियल दबाव की वजह से सख्ती और बढ़ सकती है। वहीं ब्लूमबर्ग सर्वेक्षण में 37 अर्थशास्त्रियों में से चौबीस ने पाकिस्तान के लिए 100-300 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि की उम्मीद की है। जबकि तीन ने सोमवार के टारगेट रेट को होल्ड करने का अनुमान लगाया है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा स्थानीय समयानुसार शाम 4 बजे के आसपास इस बारे में निर्णय की घोषणा किये जाने की उम्मीद है।

श्रीलंका में आठ में से सात अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका कोलंबो में शाम 4:45 बजे अपनी घोषणा में स्टैंडिंग लेंडिंग फैसिलिटी रेट 16.5 प्रतिशत पर बनाए रखेगा। पिछले महीने इसने एक आश्चर्यजनक वृद्धि की थी। वहीं सिटीग्रुप इंक ने एक और 100-बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की भविष्यवाणी की है।

दुबई में Tellimer के एक रणनीतिकार हसनैन मलिक ने कहा, "पाकिस्तान और श्रीलंका में फिस्कल पॉलिसी अभी भी थोड़ी ढीली है। उच्च ब्याज दरें मुद्रास्फीति का मुकाबला करने का बोझ उठाएंगी।" हसनैन ने कहा, "वैश्विक ईंधन और खाद्य कीमतों में कमी आई है, लेकिन इसका असर अभी तक पाकिस्तान और श्रीलंका में स्पष्ट नहीं हो सका है।"


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हालांकि पिछले महीने 3 अरब डॉलर के इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड लोन प्रोग्राम को हासिल करने के बाद श्रीलंका के लिए कुछ राहत दिखाई दे सकती है। लेकिन संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को मोड़ने की राह पथरीली बनी हुई है। इसकी वजह ये है कि कर्ज का मुद्दा लटका हुआ है। वहीं दूसरी तरफ IMF बेलआउट पैकेज के अधर में लटकने के कारण पाकिस्तान कर्ज डिफॉल्ट की स्थिति पर लड़खड़ा रहा है।

कीमतों के दबाव को कम करने के लिए पाकिस्तान ने टारगेट रेट बढ़ाया है।

श्रीलंका के ऋण को मंजूरी देते हुए आईएमएफ ने कहा कि वह 2025 की शुरुआत तक मुख्य मुद्रास्फीति को 4-6 प्रतिशत बैंड तक कम हुआ देखना चाहता है। इसके साथ ही सेंट्रल बैंक को अपने पॉलिसी रुख को आवश्यकतानुसार समायोजित करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

 

 

 

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