जापान का निक्केई इंडेक्स सोमवार को इस महीने में पहली बार मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण 38,000 के स्तर से नीचे फिसल गया। घरेलू और विदेशी दोनों ही स्तरों पर इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर चिंताओं के बीच निवेशक जोखिम से बचने की रणनीति अपना रहे हैं। इसके चलते निक्केई पर दबाव बना है। टोयोटा मोटर में सर्टिफिकेशन घोटाले के कारण लगातार गिरावट के बीच 2.6 फीसदी की गिरावट आई है। इसके चलते ये शेयर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयरों में से एक रहा है
निक्केई पिछले कारोबारी दिन 1.8 फीसदी की गिरावट के साथ 38,102.44 के स्तर पर बंद हुआ था। जबकि इससे पहले 30 मई को पहली बार ये स्टॉक 2.2 फीसदी की गिरावट के साथ 37,956.49 के स्तर पर पहुंचा था। इस इंडेक्स के 225 घटकों में से 199 में गिरावट आई, जबकि 25 में बढ़त हुई और एक स्टेबल रहा। ज्यादा व्यापक इंडेक्स टॉपिक्स में 1.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज के लगभग सभी 33 इंडस्ट्री ग्रुप में गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण रियल एस्टेट में 3.5% की गिरावट थी। केवल फार्मा ही मामूली बढ़त हासिल करने में कामयाब रहा है
नोमुरा सिक्योरिटीज के इक्विटी स्ट्रेटेजिस्ट काजुओ कामितानी ने कहा, "मूल रूप से, निक्केई लंबे समय से काफी हद तक साइडवेज ट्रैक कर रहा है, और अब यह जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में अर्थव्यवस्था से जुड़ी कुछ चिंताओं की वजह से थोड़ा दबाव में है।" उन्होंने अनुमान लगाया कि निक्केई का करेक्शन 37,500 तक बढ़ सकता है।
अप्रैल के अंत से निक्केई में अधिकतम समय 38,500 के आसपास 500 अंकों का उतार-चढ़ाव होता रहा है, 22 मार्च को यह 41,087.75 के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था। फिर एक महीने बाद 36,733.06 तक गिर गया था। सोमवार को ऑटो मेकर्स और सप्लायर्स में 2.6 फीसदी की गिरावट आई। इसके अलावा सुजुकी मोटर में 3.6 फीसदी और माज़दा में 3.7 फीसदी की गिरावट आई। चिप से जुड़े शेयरों में भी गिरावट आई, टोक्यो इलेक्ट्रॉन में 2.5 फीसदी और एडवांटेस्ट में 3.7 फीसदी की गिरावट आई।
जापान के नेशनल ब्रॉडकॉस्टर NHK ने बताया कि टोयोटा अपने प्रभावित मॉडलों के उत्पादन पर लगी रोक कम से कम एक महीने और बढ़ाकर जुलाई के अंत तक कर देगी। टोयोटा के चेयरमैन आकियो टोयोदा को मंगलवार को सालाना शेयरहोल्डर मीटिंग में अपने पुनर्निर्वाचन के खिलाफ मतदान का सामना करना पड़ेगा।