एशियाई शेयर बाजारों (Asian Stock Markets) में बुधवार को गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी इकोनॉमी (US Economy) से जुड़े डेटा इनवेस्टर्स को खुश करने में नाकाम रहे। निवेशकों का मानना है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Fedral Reserve) का रुख और आक्रामक हो सकता है। उधर, डॉलर में मजबूती का असर दूसरे देशों की करेंसी पर पड़ रहा है।
मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में आई कमजोरी का असर एशियाई बाजारों पर देखने को मिला। एशिया-पैसेफिक शेयरों का MSCI इंडेक्स शुरुआती कारोबार में 1.5 फीसदी कमजोरी दिखा रहा था। जापान का मुख्य सूचकांक निक्केई 1.12 फीसदी कमजोर खुला।
बुधवार को 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड 3.36 फीसदी पर पहुंच जाने के बाद फिक्स्ड इनकम मार्केट पर भारी दबाव देखने को मिला। यह 16 जून के बाद से सबसे ज्यादा है। अमेरिकी इकोनॉमी के डेटा से पता चला है कि अगस्त में अमेरिकी की सर्विस इंडस्ट्री में स्थिति बेहतर हुई है। इसमें ऑर्डर में अच्छी ग्रोथ और इंप्लॉयमेंट का हाथ है। लगातार दूसरे महीने में अमेरिकी में सर्विस इंडस्ट्री में सुधार देखने को मिला है।
इससे यह संकेत मिल रहा है कि अमेरिकी इकोनॉमी मंदी में नहीं है। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि फेडरल रिजर्व अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में जल्द नरमी लाने वाला नहीं है। सैक्सो कैपिटल मार्केट्स के मार्केट स्ट्रेटेजिस्ट रेडमंड वोंग ने कहा कहा कि रियल इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर मार्केट के लिए खराब खबर बन गई है।
पिछले हफ्ते रोजगार से जुड़े डेटा उम्मीद के मुकाबले कमजोर आने के बाद यह उम्मीद बंधी थी कि फेडरल रिजर्व के रुख में नरमी आ सकती है। वह इंटरेस्ट रेट बढ़ाने में आक्रामक रुख नहीं दिखाएगा। लेकिन, अमेरिकी इकोनॉमी से जुड़े ताजा डेटा आने के बाद यह उम्मीद टूट गई है।
वोंग ने कहा कि जिन निवेशकों से हमने बात की है उनका भरोसा स्टॉक मार्केट में घटा है। निवेशक फिर से हाई-ग्रेड बॉन्ड्स में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वे ज्यादा यील्ड का फायदा उठाना चाहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में S&P/ASX 200 में 1.29 फीसदी की गिरावट आई। हालांकि, दूसरी तिमाही में ऑस्ट्रेलिया की इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ी है। इससे यह उम्मीद बढ़ी है कि आर्थिक गतिविधियों पर हाई इंटरेस्ट रेट का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। हांगकांग के शेयर बाजार में 1.35 फीसदी गिरावट आई। टेक इंडक्स 1.9 फीसदी टूट गया।
कोरोना की वजह से नई पाबंदियां लगाए जाने की आशंका से चीन के शेयर बाजारों पर भी दबाव देखने को मिला। चीन का प्रमुख सूचकांक 0.11 फीसदी कमजोर नजर आया। उधर, क्रूड में भी गिरावट देखने को मिली। ब्रेंट क्रूड प्राइस 1 फीसदीगिरकर 92 डॉलर प्रति बैरल रहा। अमेरिकी क्रूड प्राइस 1.22 फीसदी गिरकर 85.8 डॉलर रहा।