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Tariff War: इस राहत पर एशियाई मार्केट में छाई रौनक, लेकिन एक्सपर्ट्स ने किया सतर्क

Tariff War: दुनिया भर के स्टॉक मार्केट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की टैरिफ पॉलिसीज पर भारी दबाव से जूझ रहे हैं। भारत में तो बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती के मौके पर शेयर मार्केट में कारोबार बंद है लेकिन बाकी एशियाई मार्केट में की बात करें तो बहार छाई हुई है। जानिए इसकी वजह क्या है और एक्सपर्ट्स क्यों सतर्क हैं?

अपडेटेड Apr 14, 2025 पर 9:07 AM
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स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप कंप्यूटर्स और मेमोरी चिप पर जिस अमेरिकी राहत पर एशियाई मार्केट हुंकार भर रहे हैं, वह अस्थायी है।

Tariff War: कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के कई प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी में अमेरिकी रोक ने एशियाई स्टॉक मार्केट में चाबी भर दी है। डॉलर की कमजोरी और इंपोर्ट ड्यूटी पर रोक के चलते एशिया के अधिकतर मार्केट ग्रीन हैं। जापान की बात करें तो निक्केई 225 (Nikkei 225) फिलहाल 1.58% की बढ़त के साथ 34,115.52; चीन में शंघाई कंपोजिट 0.91 फीसदी की तेजी के साथ 3,267.58 और सीएसआई 300 भी 0.59 फीसदी की तेजी के साथ 3,772.69; हॉन्ग कॉन्ग में हैंग सैंग 2.64 फीसदी की बढ़त के साथ 21,466.06; दक्षिण कोरिया में कोस्पी 0.95 फीसदी की तेजी के साथ 2,455.91; सिंगापुर का स्ट्रैट टाइम्स 1.96 फीसदी की तेजी के साथ 3,581.27 पर है।

अंतरिम ही है अमेरिकी राहत

स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप कंप्यूटर्स और मेमोरी चिप पर जिस अमेरिकी राहत पर एशियाई मार्केट हुंकार भर रहे हैं, वह अस्थायी है। इसकी वजह ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और माइक्रोचिप्स पर अलग-अलग टैरिफ की योजना बनाई जा रही है। ट्रंप ने कहा कि वह फोन, कंप्यूटर और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैरिफ लगाएंगे। बता दें कि शुक्रवार देर राहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इलेक्ट्रॉनिक्स को चीन पर लगाए गए 125 फीसदी और बाकी देशों पर लगाए गए 10 फीसदी टैरिफ से बाहर रखा लेकिन अब सामने आ रहा है कि यह राहत इन पर खास शुल्क लगाने की रणनीति का हिस्सा है। रविवार को ट्रंप ने भी ऐसा संकेत दिया। वहीं चीन ने शुक्रवार को दी गई राहत पर कहा था कि यह रियायत गलत कामों को सुधारने की दिशा में एक छोटा कदम है। चीन ने अमेरिका से शुल्क हटाने के लिए और अधिक प्रयास करने का आग्रह किया था।


क्या कहना है एनालिस्ट्स का?

सिंगापुर में मिजुहो बैंक के प्रमुख (इकनॉमिक्स एंड स्ट्रैटेजी) विष्णु वराथन (Vishnu Varathan) का कहना है कि बाजार थोड़ी-सी भी राहत के लिए लालायित दिख रहा है और ऐसे में जब इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे बड़े क्षेत्र पर राहत मिली तो इसे सपोर्ट मिला। वहीं दूसरी तरफ सिडनी में विल्सन एसेट मैनेजमेंट के पोर्टफोलियो मैनेजर मैथ्यू हाउप्ट (Matthew Haupt) ने न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा कि परस्पर विरोधी बयानों और मौजूदा नीतियों के बीच शॉर्ट टर्म में ट्रेडिंग लगभग असंभव हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि बाजार इस शोर-शराबे के बीच आगे पर नजर लगाए हुए है और मानकर चल रहा है कि जल्द ही किसी सौदे पर बात बनेगी और अभी से बेहतर स्थिति बनेगी।

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