Auto stocks decline : ऑटो शेयरों में चौथे दिन भी गिरावट, इंट्राडे में हीरो मोटो 5% तक टूटा, अब आगे क्या?

Auto stocks decline : संवर्धना मदरसन इंटरनेशनल के शेयर 2 प्रतिशत से ज़्यादा गिरकर 117.09 रुपये प्रति शेयर के आसपस बंद हुए हैं। ये इस हफ़्ते अब तक स्टॉक का सबसे निचला स्तर है। UNO मिंडा के शेयर भी गिरे है। इसमें लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट आई है

अपडेटेड Dec 18, 2025 पर 5:23 PM
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नरेन अग्रवाल ने कहा कि इन्वेस्टमेंट के नज़रिए से देखें तो ऑटो स्टॉक्स में यह करेक्शन अच्छे शेयर चुनने का मौका दे रहा है। उन्होंने आगे कहा कि शहरी खर्च में बढ़त, बेहतर ग्रामीण ट्रेंड और रिप्लेसमेंट साइकिल जैसे डिमांड ड्राइवर अभी भी बरकरार हैं

Auto stocks decline : 18 दिसंबर को हुई ट्रेडिंग में ऑटोमोबाइल कंपनियों और ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियों के शेयर गिर गए, जिससे निफ्टी ऑटो इंडेक्स लगातार चौथे सेशन में लाल निशान में बंद हुआ है। आज भारी ट्रेडिंग वॉल्यूम के साथ यह तेज़ गिरावट आई है। निफ्टी ऑटो इंडेक्स 0.6 प्रतिशत से ज़्यादा गिरकर 27,316 के आसपास बंद हुआ है। इंट्राडे में इंडेक्स लगभग 2 प्रतिशत गिरकर एक महीने के निचले स्तर 27,013.75 पर पहुंच गया था। एक एनालिस्ट ने कहा कि ऑटो स्टॉक्स लगातार चौथे सेशन में वैल्यू खोते दिखे। डिमांड से जुड़ी चिंताओं और ब्रॉडर मार्केट रिस्क के कारण इन पर लगातार दबाव बना हुआ है।

हीरो मोटो में तेज गिरावट

हीरो मोटो में आज गिरावट देखने को मिली है। ब्रोकर्स ने भी शेयर का लक्ष्य घटाया है। ग्लोबल ब्रोकरेजेस के डाउनग्रेड से शेयर में दबाव दिखा। जेफरीज ने स्टॉक की रेटिंग Hold से घटाकर Underperform कर दी है। जेफरीज ने इसका लक्ष्य मूल्य भी 5,550 रुपए प्रति शेयर से घटाकर 4,950 रुपए प्रति शेयर कर दिया है। ब्रोकरेज के मुताबिक मौजूदा स्तर से शेयर में 15 फीसदी की गिरावट संभव है। बता दें कि हाल ही में UBS ने भी कंपनी के मार्केट शेयर घटने पर चिंता जताई थी।


जेफरीज ने कहा है कि नवंबर- दिसंबर में कंपनी क रजिस्ट्रेशन मार्केट शेयर घटा है। फेस्टिव सीजन के बाद मार्केट शेयर पर दबाव देखने को मिला है। स्टॉक के वैल्युएशन महंगे है। शेयर वित्त वर्ष 2027 के 20x P/E पर ट्रेड कर रहा है। इस साल शेयर में 40 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। उधर UBS ने भी कहा है कि दिसंबर में कंपनी का मार्केट शेयर 39 फीसदी से घटकर 19 फीसदी पर आ गया है। मार्केट शेयर में गिरावट से निवेशक चिंतित हैं।

आज के टॉप ऑटो लूजर्स

संवर्धना मदरसन इंटरनेशनल के शेयर 2 प्रतिशत से ज़्यादा गिरकर 117.09 रुपये प्रति शेयर के आसपस बंद हुए हैं। ये इस हफ़्ते अब तक स्टॉक का सबसे निचला स्तर है। UNO मिंडा के शेयर भी गिरे है। इसमें लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट आई है।

TVS मोटर कंपनी, हीरो मोटोकॉर्प और एक्साइड इंडस्ट्रीज के शेयर 1 फीसदी से ज़्यादा गिरे। खास बात यह है कि आज इंट्रा डे में हीरो मोटोकॉर्प के शेयर 5 प्रतिशत से ज़्यादा गिरे थे। बजाज ऑटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), बॉश, सोना BLW प्रिसिजन फोर्जिंग्स और भारत फोर्ज के शेयर लगभग 1 प्रतिशत गिरे हैं। जबकि रॉयल एनफील्ड बनाने वाली आयशर मोटर्स, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और मारुति सुजुकी के शेयर मामूली नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए हैं। ट्रेंड के उलट, अशोक लेलैंड में 3 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़त हुई और यह 52-हफ़्ते के नए हाई पर जाता दिखा।

आगे कैसी रह सकती है ऑटो शेयरों की चाल

विभावंगल अनुकूलकारा के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्धार्थ मौर्या की राय है कि ऑटो स्टॉक्स लगातार चौथे सेशन में लाल निशान में रहे हैं। डिमांड की चिंताओं और ब्रॉडर मार्केट रिस्क के कारण लगातार बने दबाव का सबसे ज़्यादा असर इन्हीं पर पड़ रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि ऑटो कंपनियों की बिक्री में कमी आ रही है और डीलरों के पास इन्वेंट्री बढ़ रही है। ऐसे में निवेशकों को ऑटो कंपनियों की अर्निंग को लेकर चिंता हो रही है। अगर रिटेल बिक्री में तेजी, मददगार पॉलिसी ओर ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद जैसा कोई साफ ट्रिगर नहीं होंगे तो कार बनाने वाली कंपनियों के शेयर शायद ऊपर-नीचे होते रहेंगे और मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति में बदलाव से प्रभावित होते रहेंगे।

ऑटो शेयरों की तेजी का अगला दौर वैल्यूएशन के बजाय अर्निग्स पर होगा आधारित

वेल्थ 1 के CEO, नरेन अग्रवाल ने कहा कि ऑटो स्टॉक्स में लगातार चौथे सेशन में गिरावट जारी रही। इसकी वजह फंडामेंटल्स में अचानक आई कोई कमी नहीं है। इस गिरावट की वजह सेंटीमेंट में बदलाव और शॉर्ट-टर्म में जोखिम उठाने से बचने की भावना है।

उन्होंने आगे कहा कि ऑटो शेयरों में आई गिरावट के तात्कालिक कारणों में ग्लोबल रिस्क से बचने की भावना, ट्रेड और करेंसी की चाल को लेकर बनी अनिश्चितता और कुछ खास शेयरों में अच्छी परफॉर्मेंस के बाद प्रॉफिट बुकिंग शामिल हैं। ऑटो सेक्टर एक हाई-बीटा, रेट-सेंसिटिव सेक्टर है। ऐसे समय में पोजीशन अनवाइंडिंग के ज़रिए मामूली मैक्रो बदलावों या अर्निंग को लेकर बरती जा रही सावधानी भी बढ़ जाती है।

अग्रवाल ने आगे कहा कि इन्वेस्टमेंट के नज़रिए से देखें तो ऑटो स्टॉक्स में यह करेक्शन अच्छे शेयर चुनने का मौका दे रहा है। उन्होंने आगे कहा कि शहरी खर्च में बढ़त, बेहतर ग्रामीण ट्रेंड और रिप्लेसमेंट साइकिल जैसे डिमांड ड्राइवर अभी भी बरकरार हैं, लेकिन अब मार्केट डिसिप्लिन पर ज़ोर दे रहा है। यानी बाजार उन शेयरों पर ध्यान दे रहा है जो इन्वेंटरी कंट्रोल, मार्जिन प्रोटेक्शन और एग्जीक्यूशन में क्लैरिटी पर फोकस बनाए हुए।

उन्होंने आगे कहा कि ऑटो शेयरों की तेजी का अगला दौर वैल्यूएशन के बजाय अर्निग्स पर आधारित होगा। जिन कंपनियों के पास प्राइसिंग पावर, हेल्दी बैलेंस शीट और एक बैलेंस्ड ICE–EV स्ट्रैटेजी होगी, वे निवेशकों का भरोसा दोबारा हासिल कर पाएंगी। लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए, इस तरह के दौर अक्सर चुनिंदा शेयरों में एंट्री का मौका होते हैं। लेकिन अभी सब्र बनाए रखना ज़रूरी है। चार लगातार गिरावट वाले सेशन के बाद बिना सोचे-समझे किसी सेक्टर के पीछे भागना जल्दबाजी हो सकती है। हालात सामान्य होने पर स्टॉक-स्पेसिफिक मौके मिल सकते हैं।

 

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