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टैरिफ वार से Avalon Tech को मिलेगा फायदा? ब्रोकरेज के पॉजिटिव रुझान पर उछले शेयर

इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) फर्म एवलॉन टेक पर घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के पॉजिटिव रुझान ने शेयरों की चमक बढ़ा दी। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि टैरिफ वार से एवलॉन टेक को फायदा मिलेगा। ऐसे में मोतीलाल ओसवाल ने इसे फिर से खरीदारी की रेटिंग दी है। जानिए आखिर टैरिफ वार से इसे फायदा कैसे मिलेगा?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Apr 17, 2025 पर 4:01 PM
टैरिफ वार से Avalon Tech को मिलेगा फायदा? ब्रोकरेज के पॉजिटिव रुझान पर उछले शेयर
Avalon Tech के शेयरों ने पिछले साल चार ही महीने में फटाफट करीब 152 फीसदी रिटर्न दिया था यानी कि चार ही महीने में निवेशकों का पैसा ढाई गुना से अधिक बढ़ा था।

इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) फर्म एवलॉन टेक पर घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के पॉजिटिव रुझान ने शेयरों की चमक बढ़ा दी। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि टैरिफ वार से एवलॉन टेक को फायदा मिलेगा। ऐसे में मोतीलाल ओसवाल ने इसे फिर से खरीदारी की रेटिंग दी है। इसके चलते शेयर आज इंट्रा-डे में बीएसई पर 2.47 फीसदी उछलकर 848.85 रुपये पर पहुंच गए। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया तो भाव नरम पड़े। दिन के आखिरी में बीएसई पर यह 0.59 फीसदी की गिरावट के साथ 823.45 रुपये (Avalon Share Price) पर बंद हुआ है।

Avalon Tech को Tariff War से कैसे मिलेगा फायदा?

मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में ईएमस सेक्टर के लिए अच्छा मौका बना है और चूंकि एवलॉन टेक की अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग स्पेस में भी अच्छी उपस्थिति है तो इसे अच्छा फायदा मिलेगा। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि इसकी मजबूत मैन्युफैक्चरिंग कैपेबिलिटी और वैश्विक क्लाइंट्स के साथ लंबें संबंध और घरेलू मार्केट में बढ़ते ऑर्डर इनफ्लो से इसे अच्छा सपोर्ट मिलने के आसार हैं।

कंपनी के लिए एक पॉजिटिव ये है कि कंपनी की उभरती और तेजी से बढ़ रही एंड-यूजर इंडस्ट्रीज में हिस्सेदारी है जैसे कि क्लीन एनर्जी, मोबिलिटी और मेडिकल टेक्नोलॉजी। इनकी कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2025 के शुरुआती नौ महीने में एवलॉन के कुल रेवेन्यू की करीब 62 फीसदी हिस्सेदारी थी। इसके अलावा ईएमस (इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज) सेक्टर के कारोबार चीन से भारत शिफ्ट हो सकते हैं। चीन ने वित्त वर्ष 2024 में अमेरिका को करीब 20 फीसदी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट निर्यात किया था जबकि भारत ने महज 1.7 फीसदी। अब टैरिफ वार के चलते समीकरण थोड़े बदल सकते हैं और भारत को फायदा मिल सकता है। चूंकि एवलॉन की अमेरिका में पहले से ही प्लांट हैं तो इसे अच्छा फायदा मिलने की उम्मीद है। इन सब बातों को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म ने इसे 970 रुपये के टारगेट प्राइस पर खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है।

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