Bajaj Finance Share Price: दिग्गज नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) के शेयरों का प्रदर्शन इस साल कुछ खास नहीं रहा। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) से तुलना करें तो बजाज फाइनेंस के शेयरों का हाल 14 साल में सबसे खराब रहा। इस साल 2022 में अब तक सेंसेक्स और निफ्टी करीब 6 फीसदी मजबूत हुए है जबकि बजाज फाइनेंस के शेयर करीब 4.8 फीसदी टूट गए। यह बजाज फाइनेंस के शेयरों का वर्ष 2008 के बाद सबसे बुरा हाल है। इसके अलावा वर्ष 2011 के बाद पहली बार बजाज फाइनेंस ने निगेटिव रिटर्न दिया है। एक समय यह निवशेकों के पसंदीदा स्टॉक्स में बना हुआ था, फिर उनके रुझान में बदलाव क्यों आया, इसकी डिटेल्स नीचे दी जा रही है।
कोरोना के समय भी Bajaj Finance में ग्रोथ
बजाज फाइनेंस का एसेट बुक तेजी से बढ़ा है और निवेशकों के लिए मल्टीबैगर साबित हुआ है। कोरोना महामारी के चलते वित्त वर्ष 2021 में एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) की ग्रोथ सुस्त हुई और महज 4 फीसदी रहा लेकिन उसके पिछले तीन वर्षों में यह औसतन 30 फीसदी की दर से बढ़ा। कोरोना महामारी के चलते खपत प्रभावित हुई और इसका असर कंज्यूमर लोन ग्रोथ पर दिखा, इसके बावजूद वित्त वर्ष 2022 में कंपनी की ग्रोथ बेहतर रही। बजाज फाइनेंस में निवेशकों के भरोसे का एक अहम कारण इसकी बेहतर क्वालिटी रही है। अधिकतर समय इसका सिर्फ 5 फीसदी लोन ही बैड लोन साबित हुआ है।
महामारी के दौरान इसके लोन बुक की काफी हद तक रीस्ट्रक्चरिंग हुई लेकिन यह स्थिति को संभालने में सफल रही। अपने इन्ही सब बातों को लेकर बैंकों के मुकाबले इसे निवेश के लिए अधिक बेहतर समझा जाता रहा है। निवेश के मामले में इसने बैंकिंग सेक्टर के दिग्गजों एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को टक्कर दी है।
फिर क्यों बदला निवेशकों का रुझान
पिछली कुछ तिमाहियों में बैंकों की बढ़ती कमाई ने निवेशकों को आकर्षित किया है। इनके बेहतर आउटलुक ने भी पॉजिटिव माहौल बनाया है। वैल्यूएशन गैप के चलते एनबीएफसी की तुलना में बैंक अब अधिक आकर्षक दिख रहे हैं। बैंक अनसिक्योर्ड लोन सेग्मेंट में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मैक्वॉयर रिसर्च ने अपनी हालिया रिपोर्ट में आकलन किया था कि ब्याज दरों के बढ़ते दौर में बैंकों का मार्केट शेयर तेजी से बढ़ सकता है।
इसके अलावा मार्केट कैप के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) के जरिए इस सेक्टर में एंट्री मारी है तो इसका असर बजाज फाइनेंस पर दिखेगा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक निजी बैंक 'अभी खरीदो, बाद में भुगतान करो' स्ट्रैटजी पर फोकस कर रहे हैं। इससे भी बजाज फाइनेंस पर असर दिख सकता है। इन सब वजहों से ही बजाज फाइनेंस के शेयर इस साल खास प्रदर्शन नहीं कर पाए।
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