बैंकों के लिए एग्रीकल्चर लोन बड़े सिरदर्द का कारण रहा है। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर कृषि लोन कोई एसेट बैंक के पास गिरवी रखे बगैर दिए जाते हैं। इसका मतलब है कि इस लोन के नहीं चुकाए जाने की स्थिति में बैंक के पास अपने पैसे को हासिल करने का कोई तरीका नहीं होता है। बैंकों का यह पैसा डूब जाता है। कृषि लोन का मसला लंबे समय से राजनीति से भी जुड़ा रहा है। बैंकों को आरबीआई के तय नियमों के तहत कृषि लोन देना अनिवार्य होता है। हर साल सरकार बैंकों के लिए कृषि लोन का टारगेट बढ़ाती है।
