RBI के नए गवर्नर के रूप में संजय मल्होत्रा को इन बड़ी चुनौतियों से निपटना होगा

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि केंद्रीय बैंक के नए गवर्नर के रूप में संजय मल्होत्रा की नियुक्त का ऐलान चौंकाने वाला है। ज्यादातर एनालिस्ट्स का मानना था कि सरकार शक्तिकांत दास का कार्यकाल और एक साल के लिए बढ़ा देगी

अपडेटेड Dec 10, 2024 पर 1:45 PM
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आरबीआई के नए गवर्नर के रूप में मल्होत्रा का तीन साल का कार्यकाल 11 दिसंबर से शुरू होगा।

आरबीआई के नए गवर्नर के रूप में संजय मल्होत्रा को कई बड़ी चुनौतियो से रूबरू होना पड़ेगा। उनका कार्यकाल ऐसे वक्त में शुरू हो रहा है, जब इकोनॉमी ग्रोथ में सुस्ती दिख रही है और इनफ्लेशन फिर से सिर उठा रहा है। वैश्विक स्थितियां भी अनुकूल नहीं हैं। यह ब्रोकरेज फर्मों का राय है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि केंद्रीय बैंक के नए गवर्नर के रूप में संजय मल्होत्रा की नियुक्त का ऐलान चौंकाने वाला है। ज्यादातर एनालिस्ट्स का मानना था कि सरकार शक्तिकांत दास का कार्यकाल और एक साल के लिए बढ़ा देगी। लेकिन, सरकार ने 9 दिसंबर को संजय मल्होत्रा को आरबीआई का नया गवर्नर नियुक्त कर दिया।

11 दिसंबर से शुरू होगा कार्यकाल

आरबीआई (RBI) के नए गवर्नर के रूप में मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) का तीन साल का कार्यकाल 11 दिसंबर से शुरू होगा। यह लगातार दूसरी बार है जब कोई सिविल सर्विस अधिकारी आरबीआई का नेतृत्व करेगा। शक्तिकांत दास भी सिविल सर्विस अधिकारी रह चुके हैं। वह आरबीआई का गवर्नर बनने से पहले आर्थिक मामलों के सचिव, रेवेन्यू सेक्रेटरी और फर्टिलाइजर सेक्रेटरी जैसी जिम्मेदारियां संभाल चुके थे। दास ने ऐसे वक्त आरबीआई का नेतृत्व किया, जब कोविड की वजह से इंडिया सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था मुश्किल में थी।


ग्रोथ बढ़ाने और इनफ्लेशन कंट्रोल में करने का चैलेंज

बैंक ऑफ अमेरिका ने कहा है कि मल्होत्रा ऐसे वक्त केंद्रीय बैंक की कमान संभालने जा रहे हैं, जब स्थितियां काफी चुनौतिपूर्ण हैं। इस बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "मल्होत्रा को सबसे पहले ग्रोथ में उम्मीद से ज्यादा सुस्ती के चैलेंज से निपटना पड़ेगा। आगे इनफ्लेशन में भी उतारचढ़ाव जारी रहने का अनुमान है। उधर, डॉलर के मुकाबले रुपये को गिरने से रोकने के भी उपाय उन्हें करने होंगे।" घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल ने कहा कि नए गवर्नर और MPC के सामने पॉलिसी को लेकर अगल तरह की चुनौतियां हैं। कैलेंडर ईयर 2025 की शुरुआत में दास के सामने जो स्थितियां थीं, उसके मुकाबले कैलेंडर ईयर 2025 की शुरुआत में मल्होत्रा के लिए ज्यादा मुश्किल स्थितियां होंगी।

एमपीसी में भी बदलाव के आसार

आगे मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) में भी बदलाव होने जा रहा है। अक्टूबर में एमपीसी में नए तीन बाहरी सदस्य नियुक्त किए गए थे। जनवरी 2025 में डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। अगर उनकी जगह नए डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति होती है तो फरवरी की मॉनेटरी पॉलिसी से पहले एमपीसी के छह में से 5 नए सदस्य होंगे। विदेशी ब्रोकरेज फर्म यूबीएस ने इस बारे में चिंता जताई है। उसने कहा है कि छह में से 5 नए सदस्यों का असर पॉलिसी पर दिख सकता है।

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