भारत फोर्ज के लिए आगे अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। हालांकि, कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजें अच्छे नहीं रहे। स्टैंडएलोन रेवेन्यू में गिरावट देखने को मिली है। लेकिन, कंपनी का अमेरिकी एल्युमीनियम बिजनेस पहली बार एबिड्टा पॉजिटिव हो गया है। डिफेंस और एयरोस्पेस सेगमेंट्स की ग्रोथ भी अच्छी रही है। ई-मोबिलिटी बिजनेस भी लॉस से बाहर आता दिख रहा है। ऐसा लगता है कि कंपनी लॉन्ग साइकिल और हाई-मार्जिन वर्टिकल्स की तरफ बढ़ रही है।
स्टैंडएलोन वॉल्यूम 2 फीसदी बढ़ा
Bharat Forge का स्टैंडएलोन वॉल्यूम चौथी तिमाही में साल दर साल आधार पर 2 फीसदी बढ़कर 67,309 टन पहुंच गया। लेकिन साल दर साल आधार पर रेवेन्यू 7.1 फीसदी गिरकर 2,163 करोड़ रुपये पर आ गया। इसमें ऑटोमोटिव की कमजोर प्राइसिंग की वजह से औसत रियलाइजेशन में 9 फीसदी गिरावट का बड़ा हाथ है। कंपनी के घरेलू कमर्शियल व्हीकल (CV) बिजनेस में साल दर साल आधार पर 9.8 फीसदी ग्रोथ देखने को मिली। इसमें ट्रकों की अच्छी डिमांड का हाथ है। लेकिन यूरोप के क्लास 8 मार्केट्स में कमजोर डिमांड की वजह से सीवी का एक्सपोर्ट 11.8 फीसदी घटा।
EBITDA मार्जिन 98 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा
डोमेस्टिक पैसेंजर व्हीकल्स का रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 14.6 फीसदी बढ़ा। इसमें प्रीमियम यूटिलिटी व्हीकल्स की अच्छी डिमांड का हाथ रहा। स्टैंडएलोन इंडस्ट्रियल वर्टिकल में डिफेंस एग्जिक्यूशन ने ऑर्डर फ्लो के लिए बफर का काम किया। इससे चौथी तिमाही में कंपनी का EBITDA मार्जिन साल दर साल आधार पर 98 बेसिस प्वाइंट्स बढ़कर 29.1 फीसदी पर पहुंच गया। इसमें कॉस्ट कंट्रोल पर कंपनी के फोकस का हाथ है। ज्यादा मार्जिन वाले सेगमेंट्स में बेहतर प्रोडक्ट मिक्स का फायदा भी कंपनी को मिला है।
सीवी और पीवी बिजनेस का अच्छा प्रदर्शन
घरेलू बाजार की बात की जाए तो सीवी और पीवी बिजनेस की ग्रोथ अच्छी बनी हुई है। हालांकि, मैनेजमेंट का कहना है कि आगे जाकर ग्रोथ फ्लैट से लेकर पॉजिटिव रह सकती है। FY25 में डिफेंस सेगमेंट का कंट्रिब्यूशन 1,700 करोड़ रुपये रहा। इस सेगमेंट की ऑर्डरबुक 9,420 करोड़ रुपये की है। इसमें 3,417 करोड़ रुपये का ऑर्डर तो सिर्फ एडवान्स टॉड आर्टिलरी गन सिस्टम्स (ATAGS) आर्टिलरी गन ऑर्डर का है।
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क्या आपको निवेश करना चाहिए?
Bharat Forge के लिए FY26 बदलाव का साल हो सकता है। डिफेंस और एयरोस्पेस का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। ई-मोबिलिटी बिजनेस भी लॉस से बाहर आ सकता है। हालांकि, शॉर्ट टर्म में कंपनी के लिए कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। खासकर एक्सपोर्ट और अमेरिका में टैरिफ को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। कंपनी के शेयरों में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 44 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। इस स्टॉक में गिरावट आने पर निवेशक इसमें निवेश बढ़ा सकते हैं।