Wipro Share Price: आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी के लिए चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2022 निराश करने वाली रही। सितंबर 2022 तिमाही में इसका मुनाफा 9.27 फीसदी गिरकर 2659 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी का रेवेन्यू भी सालाना आधार पर 14.60 गिरकर 22,539.7 करोड़ रुपये रह गया। विप्रो ने रेवेन्यू में 0.5-2 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान लगाया है।
कमजोर नतीजे का असर आज मार्केट में इसके शेयरों पर दिख रहा है। इसके शेयर 6 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ आज बीएसई पर इंट्रा-डे में 381.50 रुपये के भाव तक फिसल गए। ऐसे में निवेश को लेकर ब्रोकरेज फर्मों का क्या कहना है, उसके बारे में नीचे बताया जा रहा है।
हांगकांग की इंस्टीट्यूशनल ब्रोकरेज और इंवेस्टमेंट ग्रुप सीएलएसए ने विप्रो को आउटपरफॉर्म की रेटिंग है और इसमें निवेश के लिए 450 रुपये का टारगेट प्राइस फिक्स किया है। CLSA का मानना है कि दूसरी तिमाही के नतीजे सामान्य ग्रोथ आउटलुक के हिसाब से रहे लेकिन वैल्यूएशन अभी भी स्टॉक को सपोर्ट कर रहे हैं। CLSA ने विप्रो के लिए वित्त वर्ष 2023 के ईपीएस (प्रति शेयर आय) के अनुमान में 4 फीसदी और FY24 EPS में 1 फीसदी की कटौती की है।
स्विस बैंक यूएबीएस ने विप्रो को न्यूट्रल रेटिंग दिया है और इसका टारगेट प्राइस 420 रुपये पर फिक्स किया है। यूबीएस के मुताबिक स्थिति बेहतर नहीं दिख रही है, कम से कम नियर टर्म के लिए तो नहीं। यूबीएस के मुताबिक इकनॉमिक सुस्ती के चलते कंसल्टिंग सेग्मेंट को दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
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