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Brokerage Radar: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के चलते इस समय मार्केट में काफी उठा-पटक है। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्सेज बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) दोनों ही ग्रीन जोन में पहुंच गए। हालांकि कुछ कंपनियों के तिमाही नतीजे ऐसे आए, जिससे न सिर्फ ओवरऑल मार्केट सेंटिमेंट पर असर पड़ रहा है बल्कि ब्रोकरेजेज ने टारगेट प्राइस भी घटा दिया है

अपडेटेड Nov 06, 2024 पर 10:43 AM
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मॉर्गन स्टैनले ने टाइटन को 3532 रुपये के टारगेट प्राइस पर इक्वल-वेट रेटिंग दी है। ब्रोकरेज के मुताबिक रेवेन्यू की ग्रोथ तो मजबूत रही लेकिन अनुमान के मुकाबले नतीजे में मार्जिन की गिरावट ने चौंका दिया।

Brokerage Radar: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के चलते इस समय मार्केट में काफी उठा-पटक है। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्सेज बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) दोनों ही ग्रीन जोन में पहुंच गए। हालांकि कुछ कंपनियों के तिमाही नतीजे ऐसे आए, जिससे न सिर्फ ओवरऑल मार्केट सेंटिमेंट पर असर पड़ रहा है बल्कि ब्रोकरेजेज ने टारगेट प्राइस भी घटा दिया है। यहां कुछ ऐसे स्टॉक्स हैं जिनके बारे में ब्रोकरेजेज का रुझान दिया जा रहा है और इनके टारगेट प्राइस भी दिए जा रहे हैं

Titan

मॉर्गन स्टैनले ने टाइटन को 3532 रुपये के टारगेट प्राइस पर इक्वल-वेट रेटिंग दी है। ब्रोकरेज के मुताबिक रेवेन्यू की ग्रोथ तो मजबूत रही लेकिन अनुमान के मुकाबले नतीजे में मार्जिन की गिरावट ने चौंका दिया। हालांकि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही के मजबूत होने की उम्मीद है। एक और ब्रोकरेज जेफरीज ने इसे 3400 रुपये के टारगेट प्राइस पर होल्ड रेटिंग दी है। ब्रोकरेज का कहना है कि कस्टम ड्यूटी के चलते इसके मार्जिन को झटका लगा और ओवरऑल सितंबर तिमाही सुस्त रही लेकिन डिमांड को लेकर मैनेजमेंट के पॉजिटिव रुझान से सपोर्ट मिल रहा है।


Berger Paints

ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने बर्जर पेंट्स को 500 रुपये के टारगेट प्राइस पर रिड्यूस रेटिंग दी है। कमजोर सितंबर तिमाही के साथ-साथ वॉल्यूम और सेल्स ग्रोथ के अनुमान से कम होने के चलते ही ब्रोकरेज ने यह रुझान दिखाया है। वहीं मॉर्गन स्टैनले ने इसे 466 रुपये के टारगेट प्राइस पर अंडरवेट कॉल दी है। सितंबर तिमाही में रेवेन्यू और मार्जिन उम्मीद से कम रही और EBITDA मार्जिन तो मैनेजमेंट के लक्ष्य के लोअर एंड पर आ गई। अब आगे की बात करें तो मैनेजमेंट का मानना है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में रेवेन्यू ग्रोथ में सुधार दिख सकता है।

GAIL

मॉर्गन स्टैनले ने गेल को 258 रुपये के टारगेट प्राइस पर ओवरवेट कॉल दी है। ब्रोकरेज का कहना है कि इसका कारोबार लगातार आगे बढ़ रहा है तो इसकी फिर से रेटिंग करनी पड़ सकती है। वहीं जेफरीज ने 240 रुपये के टारगेट प्राइस पर इसकी रेटिंग को अपग्रेड कर खरीदारी कर दी है। सालाना आधार पर इसका EBITDA सितंबर तिमाही में 7 फीसदी बढ़ा लेकिन उम्मीद से कम रही। नई पाइपलाइन से इसका मार्केट में दबदबा बढ़ेगा। जेफरीज का मानना है कि वित्त वर्ष 2024-27 में इसका EBITDA सालाना 9 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेगा। शेयर रिकॉर्ड हाई से 20 फीसदी नीचे हैं तो निवेश का शानदार मौका बन रहा है।

Manappuram Finance

मॉर्गन स्टैनले ने मणप्पुरम फाइनेंस को 170 रुपये के टारगेट प्राइस पर इक्वल-वेट रेटिंग दी है। ब्रोकरेज ने सितंबर तिमाही के नतीजे और सस्ते वैल्यूएशन पर वित्त वर्ष 2025 के ईपीएस के अनुमान में 7 फीसदी की बढ़ोतरी की है। हालांकि लोन की सुस्त ग्रोथ के चलते वित्त वर्ष 2026-27 के ईपीएस के अनुमान में 1-2 फीसदी की कटौती कर दी है। ब्रोकरेज का मानना है कि इसकी सब्सिडियरी थिंक इंवेस्टर इंटेरेस्ट पर आरबीआई के प्रतिबंध के चलते इसे वापसी में समय लग सकता है।

PB Fintech

मॉर्गन स्टैनले ने पीबी फिनटेक को 1375 रुपये के टारगेट प्राइस पर इक्वल-वेट कॉल दी है। इसकी रेवेन्यू ग्रोथ और एडजस्टेड EBITDA उम्मीद से काफी बेहतर रही। तिमाही आधार पर इसका एडजस्टेड EBITDA मार्जिन स्थिर रहा। हालांकि इसका वैल्यूएशन महंगा है लेकिन अच्छी रेवेन्यू ग्रोथ से नियर टर्म में इसे सपोर्ट मिल सकता है।

ABB

नोमुरा ने एबीबी को 7570 रुपये के टारगेट प्राइस पर कॉल रेटिंग दी है। हालांकि नोमुरा का यह भी कहना है कि शॉर्ट टर्म में सावधान रहें लेकिन लॉन्ग टर्म में बुलिश रुख अपनाया है। ब्रोकरेज ने इस कैलेंडर वर्ष 2024 के EPS के अनुमान में 4 फीसदी, वित्त वर्ष 2025 के लिए 7 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 के लिए 7 फीसदी की कटौती की है और यह कटौती एग्जेक्यूशन रेट के अनुमान से कम होने के चलते की है।

Dr Reddy’s

ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने डॉ रेड्डीज को 1130 रुपये के टारगेट प्राइस पर कॉल रेटिंग दी है। आरएंडडी पर अधिक खर्च और कमजोर प्रोडक्ट मिक्स के चलते डॉ रेड्डीज के लिए सितंबर तिमाही के उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। अमेरिका में भी तिमाही आधार पर कारोबार सुस्त रही लेकिन भारतीय कारोबार में 9 फीसदी की रिकवरी हुई। ब्रोकरेज का कहना है कि Nicotineel OTC ब्रांड्स का अधिग्रहण पूरा हो गया है और अब इसके नतीजे धीरे-धीरे दिखने लगेंगे। हालांकि अमेरिकी मार्केट में कोई अहम प्रोडक्ट की लॉन्चिंग नहीं होने और सेलिंग, जनरल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव (SG&A) के बढ़ने के चलते नियर टर्म में कोई खास कैटेलिस्ट नहीं दिख रहा है।

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