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BSE का बड़ा फैसला, अब एक्सचेंज पर 9 अक्टूबर से नहीं होंगे ‘स्टॉप लॉस’ मार्केट सौदे

देश के प्रमुख स्टॉक एक्सजेंज बीएसई (BSE) ने पारंपरिक या एल्गो ट्रेडिंग से होने वाले गलत ऑर्डर प्लेसमेंट को रोकने के लिए आगामी 9 अक्टूबर से ‘स्टॉप लॉस मार्केट’ (Stop Loss Market) ऑर्डर को बंद करने का फैसला किया है। यह कदम हाल ही में ‘फ्रीक ट्रेड’ यानी शेयर के भाव में महज कुछ सेंकेड्स में अचानक से आए भारी-उतार चढ़ाव के कुछ मामले सामने आने के बाद उठाया गया था।

अपडेटेड Sep 22, 2023 पर 11:12 PM
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NSE ने सितंबर 2021 में ही स्टॉप लॉस मार्केट के ऑर्डर को बंद कर दिया था

देश के प्रमुख स्टॉक एक्सजेंज बीएसई (BSE) ने पारंपरिक या एल्गो ट्रेडिंग से होने वाले गलत ऑर्डर प्लेसमेंट को रोकने के लिए आगामी 9 अक्टूबर से ‘स्टॉप लॉस मार्केट’ (Stop Loss Market) ऑर्डर को बंद करने का फैसला किया है। यह कदम हाल ही में ‘फ्रीक ट्रेड’ यानी शेयर के भाव में महज कुछ सेंकेड्स में अचानक से आए भारी-उतार चढ़ाव के कुछ मामले सामने आने के बाद उठाया गया है। मनीकंट्रोल ने कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट में बताया था कैसे एक फ्रीक ट्रेड के चलते सेंसेक्स के 67,000 के स्ट्राइक वाले कॉल ऑप्शन का भाव महज कुछ सेकेंड में 4 रुपये से सीधे 209 रुपये पर पहुंच गया था। इस दौरान कई ट्रेडर्स के Stop Loss Market (SL-M) ऑर्डर के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा था, जिसके चलते उनमें काफी नाराजगी थी।

‘स्टॉप लॉस मार्केट’ के तहत भाव के कारोबारी जो भाव डालते हैं, उस भाव के आने पर ऑटोमैटिक तरीके से एक सिक्योरिटी को मार्केट प्राइस पर खरीदा या बेचा जाता है।

BSE ने शुक्रवार 22 सितंबर को जारी एक बयान में कहा, ‘गलत ऑर्डर प्लेसमेंट को रोकने के लिए इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस, करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट और कमोडिटी डेरिवेटिव्स सगेमेंट में बाजार की स्थिति के साथ ‘स्टॉप लॉस’ सौदे नौ अक्टूबर से बंद कर दिए जाएंगे।’


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आनंद राठी (Anand Rathi) में फंडालमेंटल रिसर्च के हेड, नरेंद्र सोलंकी का कहना है कि यह गलत ऑर्डर को रोकने के लिए एक अच्छा कदम है क्योंकि इस तरह के अजीब ट्रेड नुकसान पहुंचाते हैं और बेवजह बाजार में अस्थिरता पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि छोटे और रिटेल कारोबारियों के लिए यह फायदेमंद साबित होना चाहिए।

फायर्स (FYERS) के को-फाउंडर और सीईओ तेजस खोडे ने इसे पॉजिटिव और प्रगतिशील कदम बताया। उन्होंने कहा कि कम वॉल्यूम के दौरान या मार्केट प्राइस में तेजी से उतार-चढ़ाव के दौरान स्टॉप लॉस मार्केट की वजह से भारी उठापटक हो सकती है। यह उपाय ट्रेडर्स को ऐसी घटनाओं से बचाएगा। साथ ही यह BSE को इस मामले में NSE के जैसा बनाएगा, जिसने सितंबर 2021 में ही इश तरह के ऑर्डर को बंद कर दिया था।

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