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BSE MidCap और SmallCap सूचकांक 3 महीनों में 20% उछले, क्या यह Bull Market की शुरुआत है?

RBI ने जून में लगातार दूसरी मॉनेटरी पॉलिसी में इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ाया। इससे सेंटीमेंट मजबूत हुआ है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों की लगातार खरीदारी से इस तेजी को सपोर्ट मिला है। इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ने का ज्यादा फायदा मिड और स्मॉलकैप कंपनियों को होता है। इसकी वजह यह है कि बड़ी कंपनियों के मुकाबले इन कंपनियों को फंड जुटाने में ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jun 14, 2023 पर 11:53 AM
BSE MidCap और SmallCap सूचकांक 3 महीनों में 20% उछले, क्या यह Bull Market की शुरुआत है?
BSE MidCap और SmallCap दोनों ही सूचकांक 14 जून को ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गए। पिछले 18 कारोबारी सत्रों में 17 में इनमें तेजी देखने को मिली।

BSE MidCap और SmallCap सूचकांकों में 28 मार्च के बाद से 20 फीसदी से ज्यादा तेजी आई है। एनालिस्ट्स का कहना है कि करीब तीन महीने में आई इस तेजी को तकनीकी रूप से 'Bull Market' कहा जा सकता है। RBI ने जून में लगातार दूसरी मॉनेटरी पॉलिसी में इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ाया। इससे सेंटीमेंट मजबूत हुआ है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों की लगातार खरीदारी से इस तेजी को सपोर्ट मिला है।

इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ने से सेंटिमेंट मजबूत

इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ने का ज्यादा फायदा मिड और स्मॉलकैप कंपनियों को होता है। इसकी वजह यह है कि बड़ी कंपनियों के मुकाबले इन कंपनियों को फंड जुटाने में ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। आगे भी आरबीआई के इंटरेस्ट नहीं बढ़ाने की उम्मीद और कमोडिटी की कीमतों में गिरावट से कंपनियों के मार्जिन बढ़ने की उम्मीद है। इससे इन कंपनियों के शेयरों के लिए सेंटिमेंट और बेहतर होगा।

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