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BSE Share Price: NSE के फैसले पर बीएसई के शेयर धड़ाम, 9% से अधिक आई गिरावट

BSE Share Price: एनएसई ने डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी के डेट में बदलाव का ऐलान किया तो आज बीएसई के शेयर धड़ाम से गिर गए। इंट्रा-डे में यह 9 फीसदी से अधिक गिर गया। जानिए कि एनएसई ने एक्सपायरी के दिन में बदलाव क्यों किया और बीएसई के शेयरों को लेकर ब्रोकरेज फर्म का क्या रुझान है?

अपडेटेड Mar 05, 2025 पर 3:40 PM
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BSE Share Price: घरेलू मार्केट में आज खरीदारी के माहौल में भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के शेयर धड़ाम से गिर गए।

BSE Share Price: घरेलू मार्केट में आज खरीदारी के माहौल में भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के शेयर धड़ाम से गिर गए। एनएसई ने अपनी वीकली और मंथली कॉन्ट्रैक्स के एक्सपायरी के दिन में बदलाव कर बीएसई के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स से एक दिन पहले किया तो बीएसई के शेयरों को करारा झटका लगा और यह 9 फीसदी से अधिक टूट गया। निचले स्तर पर खरीदारी से शेयर संभले लेकिन अब भी यह काफी कमजोर स्थिति में है। आज एनएसई पर यह 3.67 फीसदी की गिरावट के साथ 4,290.00 रुपये पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 9.40 फीसदी टूटकर 4,035.10 रुपये तक आ गया था।

NSE ने एक्सपायरी में क्यों किया बदलाव?

एनएसई ने ऐलान किया है कि निफ्टी के वीकली कॉन्ट्रैक्ट गुरुवार की बजाय हर हफ्ते सोमवार को एक्सपायर होंगे। वहीं निफ्टी बैंक के मंथली, तिमाही और छमाही कॉन्ट्रैक्टस के साथ-साथ निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, निफ्टी मिडकैप और निफ्टी नेक्स्ट50 के के मासिक और तिमाही कॉन्ट्रैक्ट्स हर महीने के आखिरी गुरुवार की बजाय आखिरी सोमवार को एक्सपायर होंगे। ये बदले नियम अगले महीने 4 अप्रैल से प्रभावी होंगे। बीएसई के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स मंगलवार को एक्सपायर होते हैं।

सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में एनएसई के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर श्रीराम कृष्णन ने कहा कि वीकेंड पर दुनिया भर में कई घटनाएं होती हैं और ऐसे में एक्सपायरी का दिन सोमवार को रखना सबसे सही रहेगा। उन्होंने कहा कि एक्सपायरी के दिन में बदलाव के ऐलान के बाद बहुत सारे फीडबैक मिले लेकिन इस बदलाव का ऐलान दक्षता और सहजता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। एनएसई तो यह भी चाहता है कि सभी एक्सचेंजों पर एक्सपायरी एक ही दिन हो।


एक साल में कैसी रही BSE के शेयरों की चाल?

रिकॉर्ड हाई से फिसलने से पहले बीएसई के शेयरों ने 10 महीने में निवेशकों का पैसा तीन गुना से अधिक बढ़ाया था। पिछले साल 19 मार्च 2024 को यह 1,941.05 रुपये पर था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का निचला स्तर है। इस निचले स्तर से 10 ही महीने में यह करीब 216 फीसदी उछलकर 20 जनवरी 2025 को 6,133.40 रुपये पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए रिकॉर्ड हाई है। हालांकि शेयरों की तेजी यहीं थम गई और फिलहाल इस रिकॉर्ड हाई से यह 31 फीसदी डाउनसाइड है। अब आगे की बात करें तो ब्रोकरेज फर्म ने इसकी न्यूट्रल रेटिंग को बरकरार रखा है लेकिन टारगेट प्राइस को 5650 रुपये से घटाकर 4880 रुपये कर दिया है।

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