3 अक्टूबर को बीएसई और MCX (Multi Commodity Exchange) के शेयरों में 10 प्रतिशत तक की तेजी दिखाई दी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की ओर से जारी नए F&O मानदंड अपेक्षा से अधिक नरम होने से शेयर में तेजी आई। सेबी ने 7 नए मानदंडों की घोषणा की है, जिनके लागू होने से जोखिम प्रबंधन में सुधार होगा और डेरिवेटिव बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
एनएसई पर दिन में बीएसई का शेयर पिछले बंद भाव से 9.7 प्रतिशत उछला और 4,235 रुपये के हाई तक गया। यह शेयर का 52 सप्ताह का उच्च स्तर भी है। कारोबार खत्म होने पर शेयर 3 प्रतिशत बढ़त के साथ 3,980 रुपये पर सेटल हुआ। पिछले 12 महीनों में बीएसई का शेयर 200 प्रतिशत उछला है। MCX का शेयर पिछले बंद भाव से 2.5 प्रतिशत उछलकर 5,977.20 रुपये के हाई तक गया। कारोबार खत्म होने पर करीब 1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,780 रुपये पर सेटल हुआ।
20 नवंबर 2024 से लागू होंगे नए नियम
सेबी ने जुलाई में अपने कंसल्टेशन पेपर में इंडेक्स डेरिवेटिव्स के नियमों को कड़ा करने के लिए 7 उपायों का प्रस्ताव दिया था। इनमें मिनिमम कॉन्ट्रैक्ट साइज बढ़ाना और ऑप्शंस प्रीमियम के एडवांस कलेक्शन को आवश्यक बनाना, पोजिशन लिमिट्स की ‘इंट्रा-डे’ मॉनिटरिंग, स्ट्राइक प्राइस का रेशनलाइजेशन, एक्सपायरी डे पर कैलेंडर स्प्रेड बेनिफिट को हटाना और नियर कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी मार्जिन में वृद्धि करना शामिल है। ये नियम 20 नवंबर 2024 और अप्रैल 2025 के बीच प्रभावी होंगे।
NSE के ऑप्शन प्रीमियम टर्नओवर पर होगा 35 से 40% का असर
आईआईएफएल सिक्योरिटीज का अनुमान है कि नए नियमों से एनएसई के ऑप्शन प्रीमियम टर्नओवर पर 35 से 40 प्रतिशत का असर पड़ेगा, जबकि बीएसई में 15 से 20 प्रतिशत की कमी आ सकती है। जेफरीज का मानना है कि अगले 3 से 6 महीनों में इन नियमों के चरणबद्ध इंप्लीमेंटेशन से बाजार में सख्ती आएगी।
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