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Buzzing stocks : RBI से मिला तगड़ा बूस्टर डोज, HUDCO, IREDA, PFC और REC के शेयर 3-5% भागे

Buzzing stocks :आरबीआई द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर के फाइनेंसिंग से जुड़े नियमों में ढील दिए जाने से हुडको, इरेडा, पीएफसी, आरईसी के शेयरों में 3-5 फीसदी की तेजी आई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 01, 2025 पर 12:27 PM
Buzzing stocks : RBI से मिला तगड़ा बूस्टर डोज, HUDCO, IREDA, PFC और REC के शेयर 3-5% भागे
RBI monetary policy : गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने अक्टूबर की मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा है कि चालू और हाई क्वालिटी वाली इंफ्रा प्रोजेक्टस को दिए जाने वाले एनबीएफसी लेन पर रिस्क वेटेज कम किया जाएगा

NBFC stocks : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा इंफ्रा सेक्टर के फाइनेंसिंग नियमों को आसान बनाने के लिए किए गए बदलावों की घोषणा के बाद बुधवार को हुडको (HUDCO), इरेडा (IREDA), पीएफसी (PFC) और आरईसी (REC) जैसे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (non-banking finance companies)के शेयरों में 3-5 फीसदी की तेजी आई है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने अक्टूबर की मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा है कि चालू और हाई क्वालिटी वाली इंफ्रा प्रोजेक्टस को दिए जाने वाले एनबीएफसी लेन पर रिस्क वेटेज कम किया जाएगा, जिससे इस सेक्टर के कर्ज की लागत कम करने में मदद मिलेगी।

हुडको का शेयर आज इंट्राडे में 233 रुपये पर कारोबार करता दिखा जो पिछले बंद भाव से 4 प्रतिशत ऊपर है। आरईसी 2.5 प्रतिशत बढ़कर 382 रुपये पर, पीएफसी 2.1 प्रतिशत बढ़कर 419 रुपये पर और इरेडा 3.7 प्रतिशत बढ़कर 154 रुपये पर कारोबार करता दिखा। इस बीच एनएसई बैंक निफ्टी इंडेक्स 0.5 बढ़ा है। जबकि निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स 0.6 प्रतिशत की तेजी दिखा रहा है।

आरबीआई का यह ऐलान उसके द्वारा घोषित 22 रेग्यूलेटरी बदलावों के व्यापक पैकेज का हिस्सा है। इसका उद्देश्य बैंकों और एनबीएफसी को लचीलेपन और प्रतिस्पर्धात्मकत क्षमता को मज़बूत करना, क्रेडिट फ्लो में सुधार, विनियमों को सरल बनाना और उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करना है। रिस्क वेटेज में कमी से बैंकों और एनबीएफसी कंपनियों की पूंजी जरूरतों में कमी आने और इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के कर्ज लागत में कमी आने की उम्मीद है।

गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने ​​कहा कि निवेश गतिविधियों और जीएसटी को तर्कसंगत बनाने जैसे सरकारी सुधारों से घरेलू विकास में मज़बूती बनी हुई है, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ग्लोबल ट्रेड से जुड़ी अनिश्चितताओं और टैरिफ संबंधी परेशानियों का बाहरी मांग पर असर पड़ सकता है। आरबीआई ने कहा कि इस माहौल में एनबीएफसी के माध्यम से होने वाले बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण की लागत में कमी आने से घरेलू मांग और निवेश को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।

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