Get App

मझगांव डॉक के लिए बड़ी खबर, सरकार ने ₹70,000 करोड़ के 'प्रोजेक्ट-75I' को दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने छह महीने से अधिक समय तक अटके रहने के बाद 70,000 करोड़ रुपये के ‘प्रोजेक्ट 75 इंडिया (P-75I)’ को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) को जर्मनी की थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (TKMS) के साथ आधुनिक पनडुब्बियां बनाने के लिए औपचारिक बातचीत शुरू करने की मंजूरी मिल गई है

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Aug 23, 2025 पर 10:38 PM
मझगांव डॉक के लिए बड़ी खबर, सरकार ने ₹70,000 करोड़ के 'प्रोजेक्ट-75I' को दी मंजूरी
P-75I के अलावा भारत सरकार न्यूक्लियर अटैक सबमरीन (SSN) कार्यक्रम पर भी काम कर रही है

केंद्र सरकार ने छह महीने से अधिक समय तक अटके रहने के बाद 70,000 करोड़ रुपये के ‘प्रोजेक्ट 75 इंडिया (P-75I)’ को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) को जर्मनी की थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (TKMS) के साथ आधुनिक पनडुब्बियां बनाने के लिए औपचारिक बातचीत शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बातचीत इसी महीने के अंत तक शुरू हो सकती है।

क्या है प्रोजेक्ट 75 इंडिया?

प्रोजेक्ट 75I भारत की समुद्री सुरक्षा रणनीति का एक अहम हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के तहत जर्मनी के सहयोग से भारत में छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने इसी साल जनवरी में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) को इस प्रोजेक्ट के लिए स्ट्रैटेजिक पार्टनर चुना था। सरकार और नौसेना का लक्ष्य है कि छह महीने में बातचीत पूरी करके इसे अंतिम मंजूरी तक पहुंचाया जाए।

प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं

सभी छह पनडुब्बियों को एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम से लैस किया जाएगा। यह तकनीक पनडुब्बियों को करीब तीन हफ्तों तक पानी के अंदर रहने में सक्षम बनाएगी। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत की स्वदेशी पनडुब्बी निर्माण क्षमता को बढ़ाना और आयात पर निर्भरता कम करना है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें