देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ (DLF) के पूर्व चेयरमैन कुशल पाल सिंह ने कंपनी में अपनी पूरी की पूरी निजी हिस्सेदारी बेच दी है। उन्होंने अपने हिस्से के शेयरों की मंगलवार 1 अगस्त को खुले बाजारों में लेन-देन के जरिए की। बीएसई (BSE) पर मौजूद बल्क डील डेटा के मुताबिक कुशल पाल ने डीएलएफ के करीब 1.45 करोड़ शेयर बेच दिए जो कंपनी की करीब 0.59 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर थी। उन्होंने औसतन 504.21 रुपये के भाव से 730.87 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की है।
यह भाव 31 जुलाई के बंद भाव से करीब 3.65 फीसदी डिस्काउंट पर है। डीएलएफ का टोटल मार्केट कैप करीब 1.24 लाख करोड़ रुपये है। जून तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक कुशल पाल और उनके ग्रुप की इस रियल एस्टेट कंपनी में शेयरहोल्डिंग करीब 74.95 फीसदी है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2023 में डीएलएफ का कंसालिडेटेड प्रॉफिट सालाना आधार पर 12.2 फीसदी उछलकर 528 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कमजोर ऑपरेटिंग मार्जिन के बावजूद इसके प्रॉफिट को फाइनेंस समेत बाकी कॉस्ट में गिरावट और अन्य इनकम में उछाल से इसे सपोर्ट मिला। हालांकि इस दौरान ऑपरेशनल रेवेन्यू 1.3 फीसदी गिरकर 1423.2 करोड़ रुपये पर आ गया। नेट सेल्स बुकिंग्स 2040 करोड़ रुपये पर रही। इसका EBITDA भी 4.2 फीसदी फिसलकर 396.2 करोड़ रुपये और मार्जिन 0.90 फीसदी टूटकर 27.8 फीसदी पर आ गया।
हालांकि कंपनी पर नेट कर्ज रिकॉर्ड निचले स्तर 57 करोड़ रुपये पर आ गया है। कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज डेवलपर और डीएलएफ ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स की बात करें तो जून तिमाही में इसका मुनाफा सालाना आधार पर 21 फीसदी बढ़कर 391 करोड़ रुपये पहुंच गया।
डीएलएफ के शेयर पिछले महीने 5.74 फीसदी मजबूत हुए थे। इस महीने के पहले कारोबारी दिन 1 अगस्त को यह बीएसई पर लगातार चार दिनों की बढ़त के बाद 3.65 फीसदी की गिरावट के साथ 499.70 रुपये पर बंद हुआ। पिछले महीने 28 जुलाई 2023 को यह एक साल के हाई 517.75 रुपये पर पहुंच गया था। 31 मार्च 2023 को यह एक साल के निचले स्तर 336.55 रुपये पर था और चार महीने में करीह 54 फीसदी ऊपर चढ़कर यह एक साल के हाई पर पहुंचा था। इस हाई से फिलहाल यह 3 फीसदी से अधिक नीचे आ चुका है।