Tata Tech IPO: टाटा ग्रुप (Tata Group) की आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) 2004 में लिस्ट हुई थी। अब 19 साल बाद फिर टाटा की एक कंपनी लिस्ट होने की तैयारी में है और इस बार नंबर है टाटा मोटर्स (Tata Motors) की सब्सिडियरी टाटा टेक (Tata Tech) का। टाटा मोटर्स पहले ही घरेलू मार्केट में लिस्टेड है। 19 साल बाद टाटा का कोई आईपीओ आ रहा है तो इसे लेकर बाजार में काफी बातचीत हो रही है जैसे कि यह कब तक आएगा और क्या इसमें पैसे लगाना चाहिए या नहीं। टाटा टेक का आईपीओ कब तक आएगा, इसे लेकर अभी तक कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसके आईपीओ को सेबी ने जून के आखिरी दिनों में मंजूरी दी थी। अब टाटा टेक इस मंजूरी के 4-6 हफ्ते के भीतर यानी अगले दो हफ्ते के भीतर इसे लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है।
वहीं अब बात करें कि इश्यू खुलने के बाद इसमें पैसे लगाना चाहिए या नहीं, इसे लेकर कंपनी के फाइनेंशियल और फंडामेंटल्स के आधार पर फैसला लेना चाहिए। ब्रोकरेज फर्म एंजेल वन ने इसके कारोबार की मजबूती और रिस्क को लेकर कुछ प्वाइंट्स बताए हैं जिससे निवेश पर फैसला लेने में मदद मिलेगी।
Tata Tech की क्या है मजबूती
टाटा टेक के पास ऑटो इंडस्ट्री की गहरी जानकारी है और महारत हासिल है। यह इलेक्ट्रिक गाड़ियों का खाका तैयार करने, उन्हें बनाने और बिक्री के बाद की सर्विस यानी ईवी से जुड़ी एंड-टू-एंड सॉल्यूशन्स मुहैया कराती है। इसके क्लाइंट्स न सिर्फ भारत में ही हैं, बल्कि यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया-प्रशांत में भी इसके ग्राहक हैं।
कारोबार को लेकर रिस्क क्या है
टाटा टेक के कारोबार के सामने सबसे बड़ा रिस्क तो यही है कि इसका रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ टॉप के 5 क्लाइंट्स से आता है। इसके अलावा कंपनी का रेवेन्यू मुख्य रूप से ऑटोमोटिव इंडस्ट्री से आता है और अगर इस इंडस्ट्री को झटका लगता है तो टाटा टेक के ऑपरेशन, कैश फ्लो और रेवेन्यू पर भी असर पड़ सकता है। एक और रिस्क अहम है कि ईवी सेक्टर को लेकर अभी तक अनिश्चितता बनी हुई है तो यह अनिश्चितता जितने लंबे समय तक बनी रहेगी, उतने समय तक इसके ऑपरेशन और कैश फ्लो पर असर दिख सकता है।
टाटा टेक का आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का होगा। इस आईपीओ के तहत नए शेयर नहीं जारी होंगे और यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) का होगा। इश्यू के जरिए 9.57 करोड़ शेयरों की बिक्री होगी जिसमें से 8.11 करोड़ शेयर टाटा मोटर्स (Tata Motors) बेचेगी। इसके अलावा अल्फा टीसी होल्डिंग्स अपने हिस्से के 97.2 लाख और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 अपनी होल्डिंग से 48.6 लाख शेयरों को बेचेगी।
अब इनके हिस्सेदारी की बात करें तो टाटा टेक में टाटा मोटर्स की 74.69 फीसदी, अल्फा टीसी की होल्डिंग्स की 7.26 फीसदी और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 की 3.63 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा मोटर्स को इसके शेयर 7.40 रुपये के औसत भाव, अल्फा टीसी होल्डिंग्स को 25.10 रुपये और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 को 25.10 रुपये के औसत भाव पर इसके शेयर मिले थे।
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